लखनऊ : प्रसव के लिए जब भी स्त्री रोग विशेषज्ञ आपरेशन के लिए कहे तो इसे टालना शिशु के मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकलांगता का कारण हो सकता है. गर्भ के अन्दर पल रहे बच्चे को विकलांग कर देने वाली खतरनाक बीमारी को सेरेब्रल पाल्सी कहते हैं. इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण और लोगों को जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर सेरेब्रल पाल्सी दिवस मनाया जाता है.
प्रसव में देरी होने पर सेरेब्रल पाल्सी होने की आशंका 10 गुना तक बढ़ जाती है. प्रतिदिन 4 में से एक बच्चा सेरेब्रल पाल्सी से का शिकार हो रहा है.यूपी में सेरेब्रल पाल्सी के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 100 से अधिक बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है, कि अधिकतर लोगों को इस बीमीरी के बारे में जानकारी नहीं होती है. इसके लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए. डॉक्टरों का मानना है, कि यह कोई आम बीमारी नहीं है. इस बीमारी से ग्रसित मरीज कब तक स्वस्थ होगा, यह कहना भी कठिन है.
खतरनाक बीमारी है 'सेरेब्रल पाल्सी क्यों होती है सेरेब्रल पाल्सी ?
सेरेब्रल पाल्सी न्यूरोलॉजिकल विकारों के समूह को दर्शाता है, जिसका असर शैशवावस्था या बाल्यावस्था में दिखाई देता हैं. इस बीमारी से ग्रसित मरीज स्थायी रूप से शारीरिक गतिविधियों (चलना, हिलना-डुलना, आदि ) और मांसपेशियों को प्रभावित करता हैं.
सेरेब्रल पाल्सी का कारण
सेरेब्रल पाल्सी का कारण मस्तिष्क के हिस्से का असामान्य विकास या मस्तिष्क के कुछ हिस्सों की क्षति है, जो मनुष्य की गतिविधियों को प्रभावित करती है. मस्तिष्क की यह क्षति गर्भावस्था, जन्म के समय अथवा जन्म के तुरंत बाद हो सकती है. क्वीन मेरी महिला अस्पताल की डॉ. रेखा सचान के मुताबिक, प्रदेश में सेरेब्रल पाल्सी (सीपी) से पीड़ित एक लाख से अधिक लोग हैं.
सीपी बचपन में होने वाली बेहद सामान्य शारीरिक विकलांगता है. यह गतिविधियों (चलना, हिलना-डुलना) को प्रभावित करती है. सीपी से पीड़ित व्यक्तियों में दृष्टि संबंधी, सीखने, सुनने, बोलने, मिर्गी और बौद्धिक क्षति भी हो सकती हैं. सीपी(सेरेब्रल पाल्सी) के प्रभाव से मांसपेशियों की कमजोरी से स्वैच्छिक गतिविधियां (चलना, हिलना-डुलना, आदि) की पूरी कमी तक हो सकती है. डॉ. रेखा सचान का कहना है, कि सीपी एक जटिल विकलांगता है.
प्रसव के समय 4 में से एक बच्चा सेरेब्रल पाल्सी से का शिकार हो रहा है. सेरेब्रल पाल्सी के शिकार हुए इन बच्चों में बोलने में असमर्थता, चलने में असमर्थता, बौद्धिक विकलांगता व मिर्गी आना जैसे विकार शामिल हैं. डॉ. रेखा सचान का कहना है, कि सेरेब्रल पाल्सी(सीपी) आजीवन विकलांगता है अभी तक इसका कोई उपचार नहीं है. चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. संजय जैन कहते हैं, कि यह रोग कई बार जन्मजात भी होता है. इसके अलावा मस्तिष्क के किसी हिस्से में चोट लगने के कारण भी सेरेब्रल पाल्सी(सीपी) रोग हो सकता है. इस बीमारी के मरीज को यदि समय से इलाज मिले व थेरेपी कराई जाए, तो इसका प्रभाव कम हो जाता है.
अस्पताल में प्रतिदिन आ रहे हैं ऐसे मरीज
लखनऊ में सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं. डॉक्टर्स बताते हैं, कि लखनऊ स्थित सिविल अस्पताल में प्रतिदिन डिसऑर्डर से पीड़ित एक दो बच्चे आते हैं. महीने भर में सीपी के लगभग 10 से 15 केस आते हैं. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों के परिजनों को बीमारी के बारे में जागरुक किया जाता है. सिविल अस्पताल में तैनात चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. संजय जैन बताते हैं, कि इस न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर को लेकर लोगों में जागरूकता करना बेहद जरूरी है. अधिकतर लोग इस डिसऑर्डर के बारे में नहीं जानते हैं. इसीलिए जब उनके बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास नहीं होता है, तो उन्हें समझ में नहीं आता कि बच्चा किसी रोग से ग्रसित है.
फिजियोथेरेपी है बेहतर उपाय
डॉ. संजय जैन ने बताया, कि डॉक्टर अंतिम निदान करने के लिए विभिन्न इमेजिंग परीक्षणों की सिफारिश कर सकते हैं. इसमें एमआरआई (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग), सीटी स्कैन (कम्प्यूटेड टोमोग्राफी), ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम), क्रेनियल अल्ट्रासाउंड शामिल हैं. भारत में सेरेब्रल पाल्सी उपचार में अधिक विशिष्ट स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता के साथ काफी सुधार हुआ है.
अच्छी तरह से प्रशिक्षित विशेषज्ञ फिजियोथेरेपी से सेरेब्रल पाल्सी के उपचार में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. सेरेब्रल पाल्सी थेरेपी को मांसपेशियों में अकड़न, दर्द से राहत और विभिन्न विशेष अभ्यासों के माध्यम से गतिशीलता के सुधार में मदद करने के लिए जाना जाता है. सेरेब्रल पाल्सी में फिजियोथेरेपी का मुख्य रुप से सीपी वाले बच्चे को उनकी क्षमता के अनुसार पूर्ण फिटनेस और स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद करता है.
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