लखनऊ:राजनीतिक लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने के मामले में मंगलवार को विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. सरकार की तरफ से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे. इस दौरान सपा के सदस्य बेल में आ गए. काफी देर तक हंगामा चलता रहा. जहां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगे. काफी देर तक हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी.
दरअसल, बसपा के वरिष्ठ सदस्य श्यामसुंदर शर्मा ने मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सरकार से जानना चाहा कि इस सरकार ने कितने मुकदमे वापस लिए हैं. जिनपर मुकदमे दर्ज थे. वे कौन-कौन हैं और किस राजनीतिक दल से ताल्लुक रखते हैं. कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि 670 मुकदमे वापस लेने की संस्तुति की गई है. पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विगत सरकारों में जो हुआ और जो बीजेपी सरकार में हो रहा है. वह सब सामने है. पहले सत्र में ही सीएम योगी ने घोषणा की थी कि राजनीतिक दृष्टि से जो भी मुकदमा दर्ज होंगे. उसे हम वापस लेंगे. इस घोषणा के क्रम में ही हमारी सरकार ने इस पर काम शुरू किया. प्रक्रिया में बताया कि मुकदमा वापस लेने से पहले हम जनप्रतिनिधियों से दरखास्त लेते हैं. उसके बाद पुलिस प्रशासन की रिपोर्ट ली जाती है. फिर शासन में यह मामला आता है. इसके बाद निर्णय लिया जाता है. रही बात दलों के नेताओं पर दर्ज मुकदमे के विवरण की तो इस पर मेरा कहना है कि कानून इस बात की इजाजत नहीं देता कि हम दलगत निर्णय लें. हमारे पास पूरी सूची है. यह हम उपलब्ध करा सकते हैं. व्यक्तिगत प्रताड़ना के जो भी सवाल हैं. उसके हित की चिंता हमारे सदन को करना चाहिए. हमारी सरकार ने इस तरह की चिंता की है. अगर पीठ से मुझे अनुमति मिले तो मैं यह सूची सार्वजनिक कर सकता हूं. विपक्ष के सदस्य ने इस पर हामी भरी तो कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि आपके पीछे चौथी सीट पर बैठे व्यक्ति का नाम शामिल है. आप के बगल में दाहिनी तरफ और बाएं तरफ भी बैठे हैं.