लखनऊ:'राष्ट्रीय बालिका दिवस' के अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के मानवाधिकार विभाग द्वारा 'भावी पीढ़ी एवं समृद्धि हेतु बालिकाओं का संरक्षण' विषय पर ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह हैं. वहीं, डॉ. संगीता सक्सेना और डॉ. सार्थिक बाघ प्रतियोगिता के जज रहे.
प्रतिभागियों ने बालिकाओं के संरक्षण और महिलाओं की समाज में स्थिति पर अपने विचार रखे और भविष्य निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला. प्रतिभागियों ने बालिका संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डाला. प्रतियोगिता में विवि के विभिन्न विभागों के कुल 56 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया.
कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. रशिदा अतहर ने सभी प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के नियमों से अवगत कराया. कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. राज श्री ने कार्यक्रम में सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, जूरी और प्रतिभागियों का स्वागत किया.
कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. सुदर्शन वर्मा ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है, मगर बढ़ते आपराधिक मामलों की वजह से महिलाएं खुलकर आगे नहीं आ पाती. इसलिए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. उन्होंने नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों पर भी चर्चा की. जिसके अनुसार वर्ष 2020 में महिला अपराध के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. प्रीति सक्सेना ने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और उनकी सामाजिक स्थिति पर चर्चा की.