लखनऊ: देश में गठिया की समस्या बढ़ती ही जा रही है. कोरोना काल की वजह से कई लोगों की गठिया की समस्या जटिल हो गई. विशेषज्ञों का कहना है कि देश में करीब दस करोड़ लोग गठिया से ग्रसित है. बुजुर्ग ही नहीं युवा भी इस बीमारी की गिरफ्त में आ रहे हैं. मंगलवार को विश्व गठिया रोग दिवस है. ऐसे में डॉक्टरों ने बीमारी को लेकर सजग किया है.
लखनऊ अर्थराइटिस फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य डॉ. संदीप कपूर के मुताबिक गठिया की समस्या ज्यादातर आनुवांशिक लक्षणों से होती है. ऐसे में जिनके अभिभावकों में यह समस्या है, उन्हें सतर्क रहना चाहिए. इसके अलावा चोट व अनियमित जीवन शैली भी बीमारी की वजह बन जाती हैं. लखनऊ में लगभग 5 लाख से अधिक व्यक्ति आर्थराइटिस (गठिया) से पीड़ित हैं. भारत में यह आंकड़ा करीब 10 करोड़ के पार है.
फाउंडेशन के संस्थापक सदस्य डॉ. संदीप गर्ग के मुताबिक इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति कई तरह की परेशानी का सामना करता है. उन्होंने कहा कि बीमारी का समय पर इलाज करने से उसे भयावह होने से रोका जा सकता है. नियमित इलाज और जीवनशैली में सुधार कर बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.
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