लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी और एडेड स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या में अचानाक उछाल आ गया है. नए प्रवेश की संख्या दोगुनी तक बढ़ गई है. जिन सरकारी स्कूलों में पहले 100-100 नए प्रवेश होते थे, वहां अब 250-250 नए छात्र पहुंच रहे हैं. दाखिले नौवीं और 11वीं कक्षा में ज्यादा हैं. सरकारी और एडेड स्कूलों के लिए यह अच्छी खबर है, लेकिन चिंता भी खड़ी कर रही है. अचानक आए इस बदलाव को कोरोना संक्रमण के असर के रूप में देखा जा रहा है.
जानकारों की मानें तो गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे आमतौर पर आसपास के छोटे और कम फीस वाले निजी स्कूलों में पढ़ने जाते थे. कोरोना संक्रमण और उसके बाद आर्थिक स्थितियां खराब हो चली हैं. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ राजधानी लखनऊ में करीब 40 प्रतिशत छोटे और कम फीस वाले निजी स्कूल या तो बंद हो गए हैं या बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं.
बता दें, राजधानी लखनऊ में माध्यमिक स्तर पर राजकीय और एडेड शिक्षक संस्थानों की संख्या करीब 150 तक है. सीबीएसई, आईएससी और अन्य निजी संस्थानों को जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या 1040 तक जाती है. निजी स्कूल संगठन के सदस्य योगेंद्र सचान बताते हैं कि कम फीस वाले निजी स्कूलों में फीस जमा करने वालों की सख्या 40 से 60 फीसद ही रह गई है. सरकारी सहायता प्राप्त टेक्नीकल हाईस्कूल के प्रिंसिपल देवेंद्र गर्ग ने बताया कि 15 सितंबर तक कक्षा नौ और 11 में दाखिले होने हैं.
यह हैं हालात
राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त लखनऊ मॉन्टेसरी इंटरमीडिएट स्कूल में अभी तक करीब 350 नए प्रवेश हुए हैं. इसमें करीब 200 बच्चों ने 11वीं कक्षा तक और करीब 150 बच्चों ने प्राइमरी कक्षाओं में दाखिले लिए हैं. अभी प्रवेश लिए जा रहे हैं. ऐसे में इस संख्या के करीब 400 तक पहुंचने की उम्मीद है. स्कूल के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्र बताते हैं कि पिछले साल तक यह संख्या 110-120 तक रहती थी.