लखनऊ :प्रदेश में इस समय संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. मरीज को सर्दी जुकाम बुखार के साथ वायरल बुखार जकड़ रहा है, उसके बाद मरीजों की प्लेटलेट्स कम कर रहा है. प्लेटलेट्स कम होने के चलते मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की भी स्थिति बन रही है. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक, 'वैसे तो एक सामान्य व्यक्ति में दो लाख प्लेटलेट्स होनी चाहिए. डेंगू या चिकनगुनिया जैसी बीमारियों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं. अगर प्लेटलेट्स 50 हजार भी हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. मरीज को बेहतर चिकित्सक के पास ले जाएं और उसका इलाज शुरू करें. जिन मरीजों का प्लेटलेट्स 20 से 10 हजार पहुंच जाए तब घबराने की आवश्यकता जरूर है.'
डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज, रिपोर्ट निगेटिव : इस समय वायरल बुखार इतना ज्यादा बढ़ा हुआ है कि जिसके चलते मरीज की हिम्मत टूट जा रही है और दर्द से लड़ने की क्षमता भी कम हो जा रही है. अस्पताल में बने डेंगू वार्ड में इस समय जितने भी मरीज भर्ती हैं, उन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन लक्षण और समस्या एक समान है. गंभीर स्थिति में मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. चार से पांच दिन मरीज अस्पताल के वार्ड में भर्ती रह रहा है. उसके बाद स्थिति ठीक होने के बाद मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए तेलीबाग की रहने वाली मुस्कान ने बताया कि 'बीते कुछ दिनों से लगातार बुखार हो रहा था. शरीर में बहुत तेज दर्द हो रहा था. इसके अलावा आंखों में काफी जलन हो रही थी और चलने फिरने में भी काफी समस्या हो रही थी. जब बुखार नहीं उतरा तो फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया. रिपोर्ट नेगेटिव है. रिपोर्ट में कुछ भी नहीं निकला है. बस केवल प्लेटलेट्स कम थीं, लेकिन डॉक्टर ने कहा है कि रिपोर्ट सही है. मुस्कान ने कहा कि अब मैं पहले से बेहतर महसूस कर रही हूं. इस समय मैं ठीक हूं और यहां पर अच्छा इलाज हुआ है.'
कन्नौज से इलाज करने के लिए आई फरीदा खान ने बताया कि 'पिछले कुछ दिनों से काफी ज्यादा तबीयत खराब चल रही थी. बुखार भी बना हुआ था. बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा था. शरीर में ही उतना ही दर्द था. चलने में दिक्कत हो रही थी. सिर में बहुत दर्द था और कुछ अच्छा नहीं लग रहा था, वहीं फरीद के पति ने बताया कि 'पत्नी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी. कन्नौज में इलाज अच्छे से नहीं मिला. कन्नौज में दिखाया तो वहां पर डॉक्टर ने लखनऊ के लिए रेफर कर दिया. लखनऊ आने के बाद कई अस्पतालों के चक्कर लगाए, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिला. इसके बाद सिविल अस्पताल में दिखाने के लिए आए. यहां पर बेड मिला और इलाज चल रहा है. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन तबीयत बहुत खराब थी, जिसके चलते डॉक्टर ने यहां पर भर्ती किया. फिलहाल अभी ठीक हैं.'