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Published : Oct 6, 2020, 3:44 AM IST

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हाथरस केस: निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा बोलीं- उम्मीद है दोषियों को मिलेगी सख्त सजा

हाथरस मामले में अब पीड़िता का केस सीमा समृद्धि कुशवाहा लड़ेंगी. हाथरस पीड़िता के परिवार ने भी इस पर सहमति जता दी है. सीमा ने ही निर्भया का केस भी लड़ा था.

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एडवोकेट सीमा समृद्धि कुशवाहा से विशेष बातचीत.

नई दिल्ली: निर्भया कांड के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने वाली अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा अब हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाएंगी. उन्होंने गैंगरेप और हत्या के इस मामले में पीड़िता की तरफ से पैरवी करने का फैसला किया है. पीड़ित परिवार ने भी इसके लिए सहमति जताते हुए आवश्यक दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में अधिवक्ता सीमा ने कहा कि इस बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए वह पूरे प्रयास करेंगी और उन्हें उम्मीद है कि दोषियों को सख्त सजा मिलेगी.

एडवोकेट सीमा समृद्धि कुशवाहा से विशेष बातचीत.

अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने बताया कि जहां निर्भया के मामले में उन्हें दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में पुलिस का सहयोग मिला, तो वहीं इस मामले में शुरू से यूपी पुलिस लीपापोती करती रही है. इसलिए उनके लिए दोषियों को सजा तक पहुंचाना आसान नहीं होगा, लेकिन उनकी जानकारी में कई ऐसे तथ्य एवं साक्ष्य आए हैं. इनकी मदद से दोषियों को सख्त सजा दिलवाने में वह कामयाब रहेंगी.

इनमें सबसे महत्वपूर्ण पीड़िता का मरने से पूर्व दिया गया बयान है, जो अपने आप में अपराधियों के दोष को साबित करने के लिए काफी होता है. इसके अलावा पीड़ित के परिवार से आरोपियों के परिवार की दशकों पुरानी रंजिश भी इनके अपराध को साबित करने में महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी.

दहशत में परिवार, दिल्ली ट्रांसफर करवाएंगी मामला
अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने बताया कि इस घटना के बाद से पीड़िता का परिवार बेहद ही दहशत में है. अभी तक जहां गांव के दलित परिवार उच्च जाति के लोगों के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते थे, तो वहीं उन लोगों ने एफआईआर दर्ज करवा दी है. इसके बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं.

ऐसे में उनके लिए अदालत तक केस लड़ना आसान नहीं होगा. उन्हें हर पल अपनी जान पर खतरा महसूस हो रहा है. इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट में जल्दी याचिका दायर कर इस मामले को दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए अपील करेंगी. दिल्ली में इस मामले का जहां एक तरफ फेयर ट्रायल होगा, तो वहीं दूसरी तरफ पीड़िता का परिवार भी सुरक्षित महसूस करेगा.

'यूपी पुलिस पर हो एफआईआर'
अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने बताया इस मामले में शुरू से यूपी पुलिस लापरवाही बरत रही है. उन्हें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार एसआईटी भी ठीक दिशा में जांच कर रही थी, लेकिन अब सीबीआई जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

उन्होंने बताया कि निर्भया कांड के बाद जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट के बाद यह तय किया गया था कि इस तरह के जघन्य अपराध में अगर कोई पुलिसकर्मी लीपापोती करता है, तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. इस मामले में यूपी पुलिस का जिस प्रकार का रवैया रहा है, उसे लेकर उन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, जिन्होंने लापरवाही बरती है.

निर्भया कांड के बाद भी नहीं आया बदलाव
अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि निर्भया मामले में दोषियों को फांसी की सजा होने के बाद बदलाव आएगा और इस तरह के अपराध दोबारा नहीं होंगे, लेकिन जिस तरीके से निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में 7 साल से ज्यादा का समय लग गया.

इससे यह साफ हो गया कि अपराधियों को जल्दी सजा नहीं मिलने वाली. पुलिस पूरी ईमानदारी से प्रयास नहीं करती और अदालत में फास्ट ट्रैक कोर्ट में भी लंबा समय लगता है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो कानून बनाए जाते हैं, वह केवल कागज में ही देखने को मिलते हैं. यही वजह है कि आज भी अपराधियों में डर नहीं है और वह इस तरह के जघन्य अपराध को अंजाम दे देते हैं. इस मामले में भी दोषियों को वह फांसी के फंदे तक पहुंचाने की कोशिश करेंगी, ताकि हाथरस की इस बेटी को न्याय मिल सके.

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