नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने कानपुर के निवासियों को पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने यूपी के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाए.
NGT की यूपी सरकार को फटकार, 'लोगों को जल्द पानी उपलब्ध कराएं'
एनजीटी की ओर से नियुक्त कमेटी के प्रमुख रिटायर्ड जस्टिस अरुण टंडन ने कानपुर के खान चांदपुर इलाके के एक हैंडपंप से लिये गये पानी के नमूने को एनजीटी के समक्ष पेश किया. इसके बाद एनजीटी ने कानपुर के निवासियों को पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाने पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है.
एनजीटी की ओर से नियुक्त कमेटी के प्रमुख रिटायर्ड जस्टिस अरुण टंडन ने कानपुर के खान चांदपुर इलाके के एक हैंडपंप से लिये गये पानी के नमूने को एनजीटी के समक्ष पेश किया. एनजीटी ने उस पानी के नमूने को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपते हुए उसका विश्लेषण करने का निर्देश दिया. एनजीटी ने यूपी चीफ सेक्रेटरी को यह सुनिश्चित करने को कहा कि राखी मंडी, रानिया, कानपुर देहात और कानपुर नगर के इलाकों में क्रोमियम डंप होने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं.
अनट्रिटेड कचरे को ट्रीट करना सुनिश्चित करें
एनजीटी ने चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि वो अनट्रीटेड कचरे को गंगा नदी में प्रवाहित करने से रोकना सुनिश्चित करने के लिए स्थायी समाधान निकालें. जब तक स्थायी समाधान नहीं किया जाए, तब तक पानी को नदी में प्रवाहित करने से पहले कम से कम फाइटो-रीमीडियेशन, बायो-रीमीडियेशन और दूसरे तकनीक से अस्थायी रूप से अनट्रीटेड कचरे को ट्रीट करना सुनिश्चित करें.
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एनजीटी ने चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि वो शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव, उत्तर प्रदेश जल निगम और उत्तरप्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई करें. इनकी वजह से अनट्रीटेड पानी गंगा में डाला जा रहा है.