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चिकित्सा विशेषज्ञों ने सीओपीडी के उपचार की नई तकनीक विकसित करने पर दिया जोर

विश्व सीओपीडी दिवस के मौके पर केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में बुधवार को आयोजित सीओपीडी अपडेट-2022 कार्यक्रम में केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, डॉ वेद प्रकाश, विभागाध्यक्ष, पलमोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन, केजीएमयू लखनऊ समेत कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने सीओपीडी के उपचार की नई तकनीक विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया.

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Published : Nov 16, 2022, 10:43 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 2:07 PM IST

लखनऊ :विश्व सीओपीडी दिवस (World COPD Day) केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में बुधवार को आयोजित सीओपीडी अपडेट-2022 कार्यक्रम में केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, डॉ वेद प्रकाश, विभागाध्यक्ष, पलमोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन, केजीएमयू लखनऊ समेत कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने सीओपीडी के उपचार की नई तकनीक विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया.


इस दौरान कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक निवारण योग्य और उपचार योग्य बीमारी है, जो सांस फूलने, बलगम और खांसी के कारण होती है. दुनिया में सीओपीडी के 300 मिलियन वर्तमान मामले हैं. COPD दुनिया भर में मौत का तीसरा प्रमुख कारण है, जिससे 2019 में 3.23 मिलियन मौतें हुई और हृदय रोगों के बाद भारत में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. उन्होंने कहा कि अक्सर लोग अस्थमा और सीओपीडी को एक ही बीमारी समझ लेते हैं क्योंकि इन दोनों के लक्षण एक समान होते हैं. इन दोनों ही बिमारियों में एक समान लक्षण जैसे खांसी, कफ और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं, लेकिन ये दोनों ही रोग एक-दूसरे से भिन्न हैं.

विश्व सीओपीडी दिवस के मौके पर मौजूद वरिष्ठ चिकित्सक.



पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग (Department of Pulmonary and Critical Care Medicine) के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने (Dr. Ved Prakash, Head of the Department of Pulmonary and Critical Care Medicine) कहा कि विश्व सीओपीडी दिवस के लिए 2022 का विषय 'आपके जीवन के लिए फेफडो का सर्वाधिक महत्व' होगा. और इसका उद्देश्य आजीवन फेफड़ों के स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाना है. फेफड़े शरीर के मुख्य अंगों में से एक है. जन्म से वयस्कता तक फेफड़ों को स्वस्थ रखना भविष्य के स्वास्थ्य और कल्याण का एक अभिन्न अंग है.



केजीएमयू के कुलपति ने भारतीय समाज में बीमारी के बोझ के संबंध में अपने विचार प्रकट किए. कुलपति ने इस बात पर जोर दिया कि अगर इसे प्राथमिक श्वसन समस्या माना जाता है, लेकिन यह एक प्रणालीगत बीमारी है. जिसमें शरीर के कई अलग-अलग अंग शामिल होते हैं. इसके साथ ही कुलपति ने सीओपीडी से ग्रसित होने से पूर्व ही इस बिमारी से बचाव की उपाय के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी. एसजीपीजीआई आरएमएल और केजीएमयू के कई प्रतिष्ठित शिक्षकों द्वारा इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया और सीओपीडी से संबंधित विभिन्न बिन्दुओं पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. विनीत शर्मा, प्रो. वाइस चांसलर, केजीएमयू, डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं डॉ एके त्रिपाठी डीन एकेडमिक्स केजीएमयू लखनऊ विशिष्ट अतिथि मौजूद रहे.


केजीएमयू के पीडियाट्रिक विभाग ने मनाया 55 वां स्थापना दिवस : पीडियाट्रिक एवं प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री डिपार्टमेंट, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ ने बुधवार को अपना 55वां स्थापना दिवस आयोजित किया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी ने प्रतिभाग किया. उप-कुलपति प्रो. विनीत शर्मा, डीन फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज प्रो. एपी टिक्कू, विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार सिंह व विशेष अतिथि एवं वक्ता प्रो. नीरजा सिंह (बाबू बनारसी दास कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, लखनऊ) कार्यक्रम में शामिल हुए.

प्रो. नीरजा सिंह ने बच्चों की मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन के लिए सीडेशन करने की क्रिया के उपयोग पर जोर दिया. इसके बाद औपचारिक उत्सव समारोह आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी ने विभाग की सराहना की और कहा कि छोटे बच्चों का दंत उपचार करना आसान नहीं है. उन्होंने साझा किया कि अन्य देशों में बच्चों का इलाज कैसे किया जाता है और बाल दंत चिकित्सा पद्धति में नई तकनीकों के उपयोग पर जोर दिया. लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) बिपिन पुरी ने स्थापना दिवस के दौरान उद्घाटन किए गए विभागीय ऐप की बहुत सराहना की.

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Last Updated : Nov 17, 2022, 2:07 PM IST

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