लखनऊ:बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर निवासी बलराज को एक सप्ताह पहले मजदूरी करते समय पैर में लोहे से चोट लग गई थी. पिता अशोक के मुताबिक 15 वर्षीय मजदूर बेटे ने 2 घंटे बाद निजी क्लीनिक में टिटनेस का टीका लगवा लिया था. इसके बावजूद मरीज को तकलीफ बढ़ने लगी और चोट लगे हिस्से में दर्द होने लगी. जिससे परेशानी धीरे-धीरे बढ़ने लगी.
शुक्रवार को मरीज की हालत गंभीर हो गई. मरीज बेहोश हो गया. आनन-फानन परिवारीजन मरीज को लेकर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने टिटनेस की आशंका जाहिर की. मरीज को ट्रॉमा सेंटर ले जाने की सलाह दी. परिवारीजन मरीज को लेकर ट्रॉमा पहुंचे. जहां मरीज को भर्ती नहीं किया गया. डॉक्टरों ने बेड फुल होने की बात कही. परिवारीजन एम्बुलेंस से मरीज को लेकर दोबारा लोहिया और फिर सिविल अस्पताल ले गए. जहां दोनों ही अस्पतालों से मरीज को लौटा दिया गया. रात भर मरीज एक से दूसरे अस्पताल में भटकते रहे थे. शनिवार को दोपहर में परिवारीजन मरीज को लेकर बलरामपुर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने इमरजेंसी में मरीज को भर्ती कर लिया. अस्पताल के निदेशक डॉ. रवींद्र श्रीवास्तव के मुताबिक मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया है.
2. सवाल के घेर में प्राइवेट पैथोलॉजी
प्राइवेट पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट एक बार फिर सवालों के घेरे में आई है. लखनऊ विश्वविद्यालय (एलयू) में कम्प्यूटर साइंस विभाग के अध्यक्ष डॉ. बृजेंद्र सिंह ने शुगर की 2 प्राइवेट पैथोलॉजी से जांच कराई. दोनों की रिपोर्ट भिन्न आई. इस पर डॉक्टर ने इलाज शुरू करने से पहले तीसरी पैथोलॉजी सेंटर से जांच कराने की सलाह दी है. वहीं, पीड़ित शिक्षक ने स्वास्थ्य विभाग से मामले की शिकायत की है.
जानकीपुरम निवासी डॉ. बृजेंद्र को दिल संबंधी दिक्कत महसूस हुई. महानगर स्थित निजी क्लीनिक में डॉक्टर की सलाह के लिए पहुंचे. डॉक्टर ने खून से जुड़ी जांच कराने की सलाह दी. महानगर की प्राइवेट पैथोलॉजी में 3 सितंबर को खून का नमूना दिया. रिपोर्ट में शुगर का सामान्य से काफी बढ़ा आया. डॉ. बृजेंद्र को रिपोर्ट पर शक हुआ. उन्होंने निरालानगर 8 नंबर चौराहे के निकट दूसरी निजी पैथोलॉजी से जांच कराई. यहां शुगर का स्तर अलग आया. डॉक्टर दो पैथोलॉजी की अलग-अलग रिपोर्ट देखकर चकरा गए. अब उन्होंने इलाज शुरू करने से पहले तीसरी पैथोलॉजी से जांच कराने की सलाह दी. 8 सितंबर को पीड़ित ने अलग-अलग रिपोर्ट की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक से की है. डॉक्टरों ने महानगर की पैथोलॉजी की रिपोर्ट पर शक जाहिर किया है. डॉ. बृजेंद्र ने कहा कि रिपोर्ट में भिन्नता से मुझे मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है. इसकी भरपाई कौन करेगा? वहीं इस विषय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ केपी त्रिपाठी ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी.
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