लखनऊ: राजधानी के नदवा कॉलेज में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की शनिवार को कई घण्टे चली मीटिंग के बाद बोर्ड ने अयोध्या मसले पर अपना रुख साफ कर दिया है. बोर्ड ने विवादित जमीन को देने या उसको शिफ्ट किए जाने की तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए इसको गैर शरई बताया है. बोर्ड ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके हक में होगा, जिसका अब इंतजार करना चाहिए.
मंदिर तोड़कर नहीं बनी थी मस्जिद
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी समिति की बैठक में तमाम सदस्यों से चर्चा और राय विमर्श करने के बाद बोर्ड ने देश के सबसे बड़े मुद्दे अयोध्या विवाद पर अपना रुख साफ कर दिया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद किसी भी धार्मिक स्थल या मन्दिर को तोड़ कर नही बनाई गई थी और न ही मस्जिद की जमीन को ट्रांसफर या छोड़ा जा सकता है.
बोर्ड ने कहा कोर्ट का ही फैसला होगा मान्य
बोर्ड ने कहा कि कुछ जगहों से समझौते की बात बार-बार सामने आती रही है, जिस पर बोर्ड ने भी पूरी रजामन्दी के साथ समझौते की ऐसी कार्रवाई में हिस्सा भी लिया. इससे इंसाफ पर आधारित कोई हल निकल आए जो सबके लिए कुबूल हो, लेकिन बार-बार की कोशिशों के बाद भी यह बात साफ हो चुकी है कि इस मसले में जाहिर तौर पर कोई समझौता मुमकिन नहीं है. इसलिए यह साफ किया जाता है कि अब जबकि मुकदमा अपने अंतिम चरण में है तो समझौते का कोई अवसर बाकी नहीं रह गया है और कोर्ट का ही फैसला मान्य होगा.