लखनऊःहाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाया गया है कि काकोरी तहसील (Kakori Tehsil) के सरोसा भरोसा गांव (Sarosa Bharosa Village) की एक जमीन पर पेट्रोल पम्प स्थापित करने का प्रस्ताव हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) को कुछ लोगों ने भेजा. जबकि यह जमीन का एक हिस्सा नगर निगम का है. सम्बंधित अधिकारियों ने भी उक्त प्रस्ताव पर अपनी अनापत्ति दे दी.
न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए तहसीलदार सरोजिनी नगर से रिपोर्ट तलब किया है. न्यायालय ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिवक्ता को भी अनापत्ति प्रमाण पत्र अगली सुनवाई पर पेश करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ ने धीरेदर प्रताप शाही की जनहित याचिका पर पारित किया.
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याची की ओर से दलील दी गई कि सरोसा भरोसा गांव की खसरा संख्या 686 पर पेट्रोल पम्प स्थापित होना प्रस्तावित है. पेट्रोल पम्प रोड के किनारे की जमीन पर ही स्थापित हो सकता है, जबकि उक्त भूमि रोड के किनारे नहीं है. भूमि और रोड के बीच में खसरा संख्या 688 है, जो पहले ग्राम सभा की भूमि थी. विस्तार के बाद अब नगर निगम के नाम दर्ज है. यह भी दलील दी गई कि राजस्व अभिलेखों में 688 नम्बर की जमीन नगर निगम की होने के बावजूद सम्बंधित विभागों के अधिकारियों ने पेट्रोल पम्प के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया. आरोप लगाया गया कि पेट्रोल पम्प के आड़ में नगर निगम की जमीन को कब्जा करने का प्रयास कुछ लोगों द्वारा दिया जा रहा है. सुनवाई के बाद न्यायालय ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम के अधिवक्ता को अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ-साथ स्थलीय निरीक्षण आख्या भी पेश करने को कहा. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.