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राहत इंदौरी हिंदी और उर्दू के बीच एक पुल की तरह थे: मुनव्वर राना - rahat indori

मशहूर शायर राहत इंदौरी नहीं रहे. कोरोना वायरस संक्रमण के बाद उनकी मौत हो गई. राहत इंदौरी को मध्य प्रदेश के इंदौर में सोमवार देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राहत इंदौरी के निधन पर मशहूर शायर मुनव्वर राना ने दुख प्रकट करते हुए कहा है कि राहत इंदौरी हिंदी और उर्दू के बीच एक पुल की तरह थे.

munawar rana
मशहूर शायर मुनव्वर राना

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Published : Aug 11, 2020, 9:32 PM IST

लखनऊ:विश्व विख्यात शायर राहत इंदौरी के अचानक हुए निधन से उर्दू जगत के साहित्यकारों और शायरों में भी गम का माहौल देखा जा रहा है. मशहूर शायर मुनव्वर राना ने राहत इंदौरी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि राहत इंदौरी हिंदी और उर्दू शायरी के बेताज बादशाह थे.

राहत इंदौरी के निधन पर मुनव्वर राना ने जताया शोक.

'देश के हर कोने में साथ की शायरी'
मशहूर शायर मुनव्वर राना ने बताया कि राहत और मैंने देश के लगभग हर कोने में शायरी एक साथ की है. राहत एक उम्दा शायर होने के साथ साथ दिल के भी एक बेहतरीन इंसान थे और उनसे मेरी पुरानी दोस्ती थी. मैं जब कभी बीमार पड़ा करता था तो राहत मेरी पल पल की खबर लिया करते थे और मुझे बार-बार अपना ख्याल रखने की हिदायत प्यार से दिया करते थे. मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि राहत इंदौरी इतनी जल्दी इस दुनिया को अलविदा कह देंगे.

'बहुत करते थे लिहाज'
मुनव्वर राना ने कहा कि इस बात का मुझको अभी भी यकीन नहीं हो रहा है. मौत तो सभी को आनी है, लेकिन यह जरा भी उम्मीद नहीं थी कि राहत इतनी जल्दी हमारा साथ छोड़ देंगे. राहत इंदौरी का विल पॉवर बहुत ही मजबूत था और वह बड़ी से बड़ी परेशानियों को भी आसानी से हल कर लेते थे. मुनव्वर राना ने बताया कि राहत अक्सर कहा करते थे कि मेरा अगर कोई मर्द दोस्त है, तो वह मुनव्वर राना है. हम दोनों की उम्र में कुछ वर्ष का ही फर्क था. राहत इंदौरी हमारा इतना लिहाज किया करते थे कि जब वह कभी शराब पी रहे होते थे तो मुझे देखकर अपना ग्लास रख दिया करते थे, जो उनके जिंदादिली की एक मिसाल थी.

'हिंदी और उर्दू के बीच एक पुल की तरह थे'
मुनव्वर राना ने राहत इंदौरी के निधन पर गहरे अफसोस का इजहार करते हुए कहा कि कुछ नुकसान ऐसे होते हैं जिनकी भरपाई कोई इश्योरेंस कम्पनी भी पूरा नहीं कर सकती. राहत इंदौरी हिंदी और उर्दू के बीच एक पुल की तरह भूमिका निभाते थे, आज वह पुल टूट गया. उर्दू वालों का मामला यह है कि अगले 100 वर्षों तक कोई राहत इंदौरी पैदा नहीं होगा.

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