लखनऊ:लॉकडाउन में प्रदेश के किसान बाजार में कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य न मिलने से परेशान हैं. साग-सब्जी से लेकर दुग्ध उत्पाद तक किसी का भी बाजार मूल्य ठीक नहीं है. ऐसे में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों से ही किसानों को उम्मीद बंधी हुई है. प्रदेश सरकार ने इसे समझते हुए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के संचालन पर सर्वाधिक जोर दिया है. प्रदेश सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को किसानों से सीधे कृषि उत्पाद खरीदने की छूट भी दे दी है.
'प्रदेश सरकार ने बंद पड़ी प्रसंस्करण इकाइयों को चालू कराने के दिए निर्देश'
लॉकडाउन के दौरान जहां अन्य उद्योग-धंधे बंद पड़े हुए हैं, वहीं सरकार ने कृषि क्षेत्र में संचालन की अनुमति दी है. इसके साथ ही खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को भी संचालन की अनुमति दे दी है. प्रदेश सरकार ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण अधिकारियों को निर्देश भी दिया है कि वह बंद पड़ी प्रसंस्करण इकाइयों को तत्काल चालू कराएं.
'90% से ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कराया गया शुरू'
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक एसबी शर्मा के अनुसार पिछले दिनों में 90% से ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को शुरू कराया जा चुका है. जो इकाइयां मजदूरों के पलायन या अन्य कारणों से बंद हैं उन्हें भी जल्द से जल्द संचालित करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि जिन प्रसंस्करण इकाइयों के मजदूर होली के अवकाश की वजह से अपने गांव में फंसे थे, उन्हें विशेष अनुमति देकर काम पर वापस बुलाया गया है.