लखनऊ : मुरादाबाद में 1980 में हुए दंगों की रिपोर्ट मानसून सत्र के दौरान गर्मी पैदा कर सकती है. सूत्रों का कहना है कि यह रिपोर्ट सत्र के दौरान मंगलवार को पटल पर रखी जाएगी. इस रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिलने की संभावना है. खास बात यह है कि अगस्त में ही यह घटना हुई थी और अगस्त में ही इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जा रही है. 83 लोगों की मौत के बाद और उत्तर प्रदेश के 15 मुख्यमंत्रियों के बदलने के तत्पश्चात यह रिपोर्ट सार्वजनिक होगी.
बता दें, वर्ष 1980 में मुरादाबाद में ईद की नमाज के बाद भड़के दंगे की रिपोर्ट अब सार्वजनिक होने जा रही है. इन 43 सालों में राज्य में 15 मुख्यमंत्री बदले गए, लेकिन आज तक यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई. मानसून सत्र में रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना है. दंगे की जांच के लिए बनी जस्टिस सक्सेना आयोग की रिपोर्ट को योगी सरकार विधानसभा पटल पर रखेगी. तीन अगस्त 1980 को ईद की नमाज के दौरान यह दंगा भड़का था. हैरानी की बात यह है कि 1980 से लेकर 2017 तक राज्य में कई दलों की सरकार रही, लेकिन कोई भी सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी.