लखनऊ:दिसम्बर महीने में उत्तर प्रदेश में सीएए प्रदर्शन के दौरान एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने जबरन युवक को उम्र बढ़ाकर बताने को कहा. इसके बाद कैदियों की तरह जिला कारगर में 42 दिन जेल काटने के बाद रिहा हुआ. वह युवक नाबालिग था. नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ लखनऊ कमिश्नर को लिखित शिकायत दर्ज कराई है.
'पुलिस ने धमकाते हुए नाबालिग को उम्र बढ़ाकर बताने को कहा'
ईटीवी भारत से बात करते हुए नाबालिग लड़के के वकील यशब हुसैन ने बताया कि 19 दिसम्बर को लखनऊ में हुई हिंसा के बाद पीड़ित लड़के को पुलिस ने उसके होटल के पास से सिर्फ इसलिए उठा लिया था कि वह पश्चिम बंगाल के मालदा का रहने वाला था. लड़के के वकील ने बताया कि संजू (काल्पनिक नाम) हजरतगंज के तुलसी थियटर के पास एक होटल पर मजदूरी करता था. हिंसा के बाद पुलिस ने उसको उसी होटल के पास से उठा लिया और थाने ले गई. इस दौरान संजू से जब उसकी उम्र पूछी गई तो उसने अपनी उम्र 16 साल बताई. पुलिस ने उसको धमकाते और मारते हुए उम्र ज्यादा बताने को कहा. इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया.
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