लखनऊ. ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार प्रदेश की बिजली कंपनियों के सभी प्रबंध निदेशक मंगलवार को एक उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर उपभोक्ताओं से अधिक वसूली पर शपथ पत्र पेश करेंगे. दूसरी तरफ उपभोक्ताओं के साथ हुई ज्यादती को लेकर उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष वधेश कुमार वर्मा भी अपना पक्ष रखेंगे.
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) के सभी डिस्कॉम मध्यांचल, पूर्वांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल और केस्को के प्रबंध निदेशक मंगलवार को पहली बार नियामक आयोग के सामने पेश होंगे. यूपीपीसीएल के चेयरमैन एम देवराज के निर्देश पर सभी प्रबंध निदेशक अपने अपने डिस्कॉम का शपथ पत्र लेकर मौके पर मौजूद होंगे. सभी डिस्कॉम अपनी तरफ से अभी तक यह दावा कर रहे हैं कि उपभोक्ताओं से नया कनेक्शन लेने के एवज में ज्यादा वसूली नहीं की गई है.
नियामक आयोग की तरफ से जारी कॉस्ट डाटा बुक के मुताबिक ही एस्टीमेट बनाया गया है. स्टॉक इश्यू रेट पर काफी कम जगह पर एस्टीमेट जारी किया है. उपभोक्ताओं को कनेक्शन पर अधिक वसूली का पैसा आवेदन करने के बाद वापस भी किया जा रहा है. अब मंगलवार को सभी एमडी के शपथ पत्र और उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष के बीच रखे जाने वाले तर्कों के बाद यह साबित होगा कि बिजली विभाग के अफसर कितना सच बोल रहे हैं. किस डिस्कॉम के इंजीनियरों ने कितने उपभोक्ताओं से एस्टीमेट बनाने के नाम पर ज्यादा वसूली की है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद (Uttar Pradesh State Electricity Consumer Council) के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि प्रदेश के उपभोक्ताओं के हितों में उपभोक्ता परिषद ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप दिया है. एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर आयोग के सामने पेश किया जाएगा. इससे खुलासा हो जाएगा कि बिजली कंपनियों ने किस प्रकार से लाखों विद्युत उपभोक्ताओं के साथ घोर अन्याय किया है उनसे अधिक वसूली की है.
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