लखनऊ :राजधानी के नगर निगम में कर निर्धारण के लिए सेल्फ असेसमेंट का विकल्प भवन स्वामियों के लिए राहत कम परेशानी ज्यादा दे रहा है. जोनों के राजस्व निरीक्षक और कर निरीक्षक द्वारा फाइलों के रोके रहने से जनता को निर्धारण के लिए भटकना पड़ रहा है. इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है. इससे पारदर्शी तरीके से समयबद्ध काम हो सकेगा.
शनिवार को महापौर संयुक्ता भाटिया ने चिंता जताई और नगर आयुक्त को कर निर्धारण की पारदर्शी व्यवस्था बनाने के लिए जोर दिया. महापौर ने कहा कि यह सभी जनता से सीधे जुड़ा हुआ महत्व का विषय है और उनका उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि सॉफ्टवेयर बनवाया जा रहा है. जिसमें जनता सेल्फ असेसमेंट करेंगी और संबंधित टीआई को इसमें एक समयबद्ध चरण में वेरिफिकेशन करना होगा और आपत्ति लगानी होगी. यदि समयबद्ध आपत्ति नहीं लगती तो वह फाइल अपने आप अगले चरण में पास हो जाएगी. इस तरह एक तय समय में संबंधित कर मामले का निस्तारण हो सकेगा. उसका समय पर कर निर्धारण या नाम परिवर्तन हो जाएगा. उस प्रक्रिया के पश्चात जनता को भटकना नहीं पड़ेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम भी लग सकेगी.
अधिकारी करेंगे रैंडम इंस्पेक्शन
गलत कर निर्धारण और बड़े भवनों का कर कम दिखाकर नगर निगम राजकीय कोश को क्षति पहुंचाने की शिकायतें आ रहीं हैं. महापौर ने नगर आयुक्त और सम्बंधित अधिकारियों को रैंडम इंस्पेक्शन करने के लिए निर्देशित किया. साथ ही कम कर निर्धारण पाए जाने पर सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए भी कहा है.
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