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मायावती ने फिर चलाया ट्विटर बम, भाजपा के साथ कांग्रेस भी निशाने पर

बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों खूब ट्विटर बम चला रही हैं. मंगलवार को भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी गठबंधन से डरे हुए हैं, इसलिए वे मुद्दों की बजाय विपक्ष के नेताओं के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं. साथ ही उन्होंने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र को पूर्व के जैसा दिखावा और छलावा करार दिया. उन्होंने कहा कि जनता में कांग्रेस के प्रति विश्वसनीयता की कमी है.

मायावती ने कहा गठबंधन से घबराई है भाजपा

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Published : Apr 3, 2019, 7:35 PM IST

लखनऊ : आमतौर पर मीडिया और सोशल मीडिया दूरी बनाकर रहने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती आजकल ट्विटर बम चला रही हैं. उनके हर एक ट्वीट पर विपक्षियों की नजर होती है. मंगलवार को मायावती ने एक बार फिर ट्विटर के जरिए बीजेपी पर हमला किया. साथ ही उन्होंने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया है.

मायावती ने कहा गठबंधन से घबराई है भाजपा

बसपा प्रमुख मायावती ने आज ट्वीट कर कहा कि बीजेपी के नेता बीएसपी, सपा और आरएलडी के गठबंधन के हाथों हार से इतना ज्यादा भयभीत हैं कि वह आए दिन मुद्दों के बजाय गठबंधन और इसके शीर्ष नेताओं के खिलाफ जातिवादी व अनर्गल बयानबाजी ही करते रहते हैं. बसपा प्रमुख ने अपने समर्थकों से बीजेपी के उकसावे में नहीं आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के उकसावे में नहीं आना है. चुनाव में अच्छा रिजल्ट दिखाकर इन्हें मुंहतोड़ जवाब देना है.

इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का चुनावी घोषणापत्र पूर्व के वादों की तरह ही दिखावा व छलावा लगता है. कांग्रेस के लगातार वादाखिलाफी करने का ही परिणाम है कि उसके वादों के प्रति जनता में विश्वसनीयता की कमी है. इससे पहले भी मायावती ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर कई हमले किए हैं. बसपा अध्यक्ष ने कहा था कि बीजेपी की कथनी व करनी आम जनता की सोच, समझ व मांग से बहुत अलग है. इसी का परिणाम है कि पीएम मोदी पांच वर्षों का लेखा-जोखा देने का वादा निभाने की बजाय केवल बंदूक-तोप, गोली- गोला और चीन-पाकिस्तान आदि करके अपनी जवाबदेही से भागने का प्रयास कर रहे हैं.

मायावती के इस ट्वीट को लेकर यूपी बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. समीर सिंह ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि मायावती जी खुद घबरा गई हैं. उन्हें अपने नीचे की जमीन खिसकती हुई दिख रही है. वह घबराई नहीं होतीं तो समाजवादी पार्टी के साथ समझौता नहीं करतीं. जिस समाजवादी पार्टी ने 1993 में गेस्ट हाउस कांड किया, मायावती जी के स्मारकों को, अंबेडकर के स्मारकों को गिराने की बात कही. उसी समाजवादी पार्टी ने सरकार में रहते हुए बसपा पर तमाम मुकदमे दर्ज किए और बसपा के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया. आज मोदी जी की लोकप्रियता और भाजपा के काम से वह घबरा गईं हैं. उन्होंने गठबंधन किया है, लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता पहले भी जातिवादी लोगों को नकार चुकी है, इस बार भी नकारेगी.

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