लखनऊ:अपर मुख्य सचिव राजस्व व बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार बुधवार को राज्य की सेवा से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए कार्य मुक्त हो गई. बेसिक शिक्षा विभाग से उनके जाते-जाते बंपर तबादले किए गए. कई दागी अधिकारियों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पद पर तैनाती दी गई. उनके जाते-जाते अचानक हुए तबादलों पर सवाल उठना लाजमी है.
रेणुका कुमार 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं बेसिक शिक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही थी. यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार को केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में सचिव बनाया गया है. उनके जाने से प्रदेश में 2 बड़े पद खाली हो गए. उनकी केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय में सचिव पद पर नियुक्ति के संबंध में जानकारी करीब डेढ़ हफ्ता पहले ही आ गई थी. ऐसे में उनके जाने का रास्ता साफ था. 30 जून को जिस दिन अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा के पद की जिम्मेदारी पूरी हुई. उनके जाते-जाते 20 से ज्यादा अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी हो गए.
इन तबादलों पर उठ रही उंगलियां
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मेरठ में वरिष्ठ प्रवक्ता पद पर तैनात धर्मेंद्र सक्सेना को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतमबुद्धनगर की जिम्मेदारी दी गई है. धर्मेंद्र सक्सेना की छवि दागदार रही है. वर्ष 2015 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सीतापुर के पद से धर्मेंद्र सक्सेना को निलंबित किया गया था. इन्हें सीतापुर में गेस्ट हाउस में शराब पीकर अनैतिक कृत्य किए जाने आरोपी पाया गया था. जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया. विभागीय जांच में उन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी.
- जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अंबेडकरनगर में वरिष्ठ प्रवक्ता के पद पर कार्यरत अजय कुमार सिंह को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी की जिम्मेदारी दी गई है. वर्ष 2017 में बीएसए गोंडा के पद पर रहते हुए अजय कुमार सिंह पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में कार्रवाई की गई थी.
- देवेंद्र कुमार पांडे पर बीएसए आजमगढ़ के पद पर कार्यरत होने के दौरान शिक्षकों की नियमित नियुक्ति किए जाने के आरोप लगे थे. फरवरी 2020 में इन्हें हटाया गया.
- अरुण कुमार को शिक्षा निदेशक बेसिक के शिविर कार्यालय से विधि अधिकारी शिविर कार्यालय शिक्षा निदेशक बेसिक लखनऊ भेजा गया है. पीएससी कुशीनगर के पद पर रहते हुए इन पर नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोपों के चलते कार्रवाई की गई थी.