लखनऊःकोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में सभी परेशान है. ऐसे में आम उत्पादकों और व्यापारियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते कच्चा आम मार्केट तक नहीं जा पा रहा है.
अच्छी फसल होने के बावजूद आम के किसानों को हो रहा नुकसान अच्छी हुई आम की पैदावार
तहजीब और नजाकत का शहर लखनऊ किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इसे देश और दुनिया में जायके के लिए भी जाना जाता है. वहीं इस जायके में फलों के राजा आम ने भी अपना एक "खास" स्थान बना रखा है. हर साल की तुलना में इस साल आम की पैदावार काफी अच्छी हुई है, लेकिन इस लॉकडाउन में आम बाजार तक नहीं जा पा रहा है. साल भर किसानों ने दिन रात मेहनत कर आम के मौसम का इंतजार किया लेकिन इस लॉकडाउन का कारण सारी मेहनत पर पानी फिरता दिख रहा है. किसानों का कहना है कि अब तो आम के बाग में आने का भी मन नहीं होता है.
ईटीवी भारत ने जाना आम उत्पादकों का दर्द
ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज के अंतर्गत आने वाले आम के किसानों से बातचीत की. इस दौरान किसानों ने बताया कि इस साल आम की पैदावार हर साल से काफी अच्छी हुई है. लॉकडाउन के पहले व्यापारियों का आना-जाना शुरू हो गया था, लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद से कोई भी व्यापारी नहीं आ रहा है. इसके अलावा जो कच्चे आम तेज हवाओं की वजह से गिर जाते थे, उन्हें भी बाजारों में बेच दिया जाता था. लेकिन लॉकडाउन के चलते कच्चे आमों का कोई खरीददार नहीं मिल रहा है, जिससे मेहनत मजदूरी का खर्चा निकाल पाना भी मुश्किल हो रहा है. राजधानी का मलिहाबाद आम की सबसे बड़ी बेल्ट है यहां तरह-तरह की नस्ल के आम की पैदावार की जाती है.
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