लखनऊ:उत्तर प्रदेश मदरसा मॉडर्न टीचर्स इन दिनों भुखमरी की कगार पर हैं. प्रदेश में 8500 मदरसों के 25 हज़ार मदरसा शिक्षक पिछले 4 साल से बकाया मानदेय न मिलने के कारण परेशान हैं. मदरसा शिक्षक सरकार से मांग कर रहे हैं कि तत्काल मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के लिए एक राहत पैकेज जारी किया जाए, जिससे लॉकडाउन के बाद संकट के इस समय में मदरसा शिक्षक अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.
मदरसा शिक्षक मानदेय न मिलने से भुखमरी की कगार पर पिछले काफी समय से मदरसा मॉडर्न टीचर्स अपने रुके हुए मानदेय की मांग को लेकर देश की राजधानी दिल्ली से लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक इन मदरसा शिक्षकों को केंद्र से जारी होने वाले मानदेय नहीं मिला है.
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज़ अहमद का कहना है कि मदरसा के शिक्षक पहले से ही 4 साल से मानदेय न मिलने से भुखमरी के शिकार थे, लेकिन लॉकडाउन से पहले पार्ट टाइम में मदरसा शिक्षक ट्यूशन, रिक्शा और कोई छोटा-मोटा काम धंधा करके अपने व परिवार की जीविका चलाते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद से पूरी तरह काम बंद से हो गए.
शिक्षक एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एजाज अहमद ने कहा कि आज हालात यह है कि मदरसा टीचर्स के परिवार भुखमरी के कारण टूटते-बिखरते जा रहे हैं. अफसोस कि बात है कि 4 मदरसा शिक्षक इस लॉकडाउन के दौरान ही अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन तब भी लाख प्रयासों के बावजूद इन शिक्षकों को उनका मानदेय प्राप्त नहीं हो पा रहा है.
इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष एजाज़ अहमद ने देश के प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है. उन्होंने कहा है कि मदरसा शिक्षकों की दयनीय दशा को देखते हुए तत्काल केंद्र सरकार से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के लिए एक राहत पैकेज जारी कराया जाए, जिससे यह मदरसा टीचर्स भी अपने व परिवार को ज़िंदा रख सकें.