लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली के डीबीटी-बिल्डर कार्यक्रम के तहत 'इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस एडवांस रिसर्च एंड एजुकेशन' के लिए पांच करोड़ का अनुदान मिला है. लखनऊ विश्वविद्यालय को 'डीबीटी-बिल्डर यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस प्रोग्राम फॉर एडवांस रिसर्च एंड एजुकेशन' शोध परियोजना के लिए यह वित्तीय राशि प्रदान की गई.
इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य मॉलिक्युलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स, एनवायरमेंटल साइंस और फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री में परास्नातक विषयों के शैक्षणिक उन्नयन एवं शोध विकसित करना है. परियोजना समन्वयक सहित अन्य प्रमुखों की योग्यता एवं शोध के अनुभवों से टास्क फोर्स समिति को संतुष्ट करने के बाद बीते दिन रविवार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी.
स्वीकृत प्रस्ताव में मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य में योगदान के लिए आणविक आनुवंशिकी, पादप जैव प्रौद्योगिकी और औषधि विकास में विशेषज्ञता शामिल है. प्रस्तावित अध्ययन में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स, स्टेरॉयड और हेट्रोसायक्लिक डेरिवेटिव्स का उपयोग करके ट्यूमर चरण-विशिष्ट आनुवंशिक और एपिजेनेटिक हस्ताक्षर, संश्लेषण और एंटीकैंसर नैनो-दवाओं के निर्माण की पहचान करने का प्रयास किया जाएगा. इन नैनो-दवाओं का सर्वाइकल कैंसर सेल लाइनों पर कैंसर विरोधी गतिविधियों के लिए परीक्षण किया जाएगा और आनुवंशिक और एपिजेनेटिक विनियमन पर उनके प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके अलावा, जैविक रूप से संश्लेषित नैनोकणों और बैक्टीरिया को बढ़ावा देने वाले पौधों की वृद्धि को मिलाकर स्थायी कृषि सुधारों के लिए जैव प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण लागू किया जाएगा.