उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

लखनऊ विश्वविद्यालय को डीबीटी-बिल्डर कार्यक्रम के तहत मिला 5 करोड़ का अनुदान

By

Published : May 30, 2022, 10:58 PM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली के डीबीटी-बिल्डर कार्यक्रम के तहत 'इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस एडवांस रिसर्च एंड एजुकेशन' के लिए ₹5 करोड़ का अनुदान मिला है

etv bharat
लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली के डीबीटी-बिल्डर कार्यक्रम के तहत 'इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस एडवांस रिसर्च एंड एजुकेशन' के लिए पांच करोड़ का अनुदान मिला है. लखनऊ विश्वविद्यालय को 'डीबीटी-बिल्डर यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ इंटरडिसिप्लिनरी लाइफ साइंस प्रोग्राम फॉर एडवांस रिसर्च एंड एजुकेशन' शोध परियोजना के लिए यह वित्तीय राशि प्रदान की गई.

इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य मॉलिक्युलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स, एनवायरमेंटल साइंस और फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री में परास्नातक विषयों के शैक्षणिक उन्नयन एवं शोध विकसित करना है. परियोजना समन्वयक सहित अन्य प्रमुखों की योग्यता एवं शोध के अनुभवों से टास्क फोर्स समिति को संतुष्ट करने के बाद बीते दिन रविवार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गयी.

स्वीकृत प्रस्ताव में मानव और पर्यावरणीय स्वास्थ्य में योगदान के लिए आणविक आनुवंशिकी, पादप जैव प्रौद्योगिकी और औषधि विकास में विशेषज्ञता शामिल है. प्रस्तावित अध्ययन में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स, स्टेरॉयड और हेट्रोसायक्लिक डेरिवेटिव्स का उपयोग करके ट्यूमर चरण-विशिष्ट आनुवंशिक और एपिजेनेटिक हस्ताक्षर, संश्लेषण और एंटीकैंसर नैनो-दवाओं के निर्माण की पहचान करने का प्रयास किया जाएगा. इन नैनो-दवाओं का सर्वाइकल कैंसर सेल लाइनों पर कैंसर विरोधी गतिविधियों के लिए परीक्षण किया जाएगा और आनुवंशिक और एपिजेनेटिक विनियमन पर उनके प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा. इसके अलावा, जैविक रूप से संश्लेषित नैनोकणों और बैक्टीरिया को बढ़ावा देने वाले पौधों की वृद्धि को मिलाकर स्थायी कृषि सुधारों के लिए जैव प्रौद्योगिकी दृष्टिकोण लागू किया जाएगा.

पढ़ेंः कानपुर में हुई रोबोटिक्स लैब की स्थापना, विज्ञान के नए प्रयोग सीखेंगे शहर के छात्र

अनुदान का उद्देश्य पर्यावरण विज्ञान, फार्मास्युटिकल रसायन विज्ञान, आणविक एवं मानव आनुवंशिकी में स्नातकोत्तर शिक्षण के उन्नयन के माध्यम से विषय आधुनिक जैव विज्ञान अनुसंधान को मजबूत करना है. अनुसंधान पद्धतियों पर अंतरविभागीय बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए एमएससी, पीएचडी और पोस्टडॉक के लिए सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा. वित्तीय सहायता प्राप्त होने पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने प्रसन्नता व्यक्त करते के लिए विश्वविद्यालय को उच्चतम शिक्षा एवं अनुसंधान के प्रतिबद्धता दर्शाते हुए प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रो. मोनिशा बनर्जी व अन्य सहयोगियों को सराहना एवं प्रशंसा किया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details