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लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं करा पा रहा पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया पूरी - पीएचडी एडमिशन

लखनऊ विश्वविद्यालय में पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया पर चला आ रहा विवाद खत्म नहीं हो पा रहा है. इसकी वजह से जेआरएफ अभ्यर्थियों को फेलोशिप नहीं मिल पा रही है.

लखनऊ विश्वविद्यालय.
लखनऊ विश्वविद्यालय.

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Published : Dec 11, 2020, 7:32 PM IST

लखनऊ: विश्वविद्यालय में पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया पर चला आ रहा विवाद खत्म नहीं हो पा रहा है. जनवरी से शुरू हुई पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया दिसंबर में भी संपन्न नहीं हो सकी है. यह प्रक्रिया वर्तमान सत्र का भी आधा समय ले चुकी है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहा है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द प्रक्रिया को समाप्त करने का दावा कर रहा है.



प्रवक्ता बोले, जल्द पूरी हो जाएगी पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया

पीएचडी की प्रक्रिया पूरी न होने से आवेदन करने वालों के साथ जेआरएफ की परीक्षा पास करने वाले छात्रों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दो साल के भीतर पीएचडी के लिए इनरोल न होने पर उनको यूजीसी की ओर से मिलने वाली फेलोशिप नहीं दी जाती है. लखनऊ विश्वविद्यालय की वर्ष 2019-20 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया जनवरी 2020 में शुरू हुई थी. यह अभी तक चल रही है. लविवि ने 492 सीटों पर पीएचडी के आवेदन फॉर्म मांगे थे और मार्च में परीक्षा आयोजित होनी थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के चलते परीक्षा स्थगित कर दी गई. इसके बाद सितंबर में प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया. इसके बावजूद विवि ने अब तक कटऑफ जारी करके दाखिला देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी.


परीक्षा न होने से फेलोशिप रुकी

यूजीसी के अनुसार, जेआरएफ अभ्यर्थियों को दो साल में पीएचडी के लिए इनरोल होना होता है. ऐसा न होने पर उन्हें फैलोशिप नहीं मिलती. ऐसे कई अभ्यर्थी हैं, जिन्हें जेआरएफ की परीक्षा पास किए हुए दो साल हो रहे है, लेकिन लविवि की प्रवेश परीक्षा न होने की वजह से उनको फेलोशिप नहीं मिल पा रही है. यह प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2017-18 के बाद शुरू हुई थी. अभी इस सत्र के आवेदन की प्रक्रिया शुरू तक नहीं हुई है.

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