नगर निगम 88 गांवों में करा रहा सर्वे, ग्रामीणों में हाउस टैक्स वसूले जाने का डर - लखनऊ विकास प्राधिकरण
लखनऊ नगर निगम हाल ही में लखनऊ नगर निगम की सीमा में शामिल हुए गांव का सर्वे करा रहा है. जहां स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सर्वे के बाद लोगों को टैक्स देना पड़ सकता है. वही इस बारे में लखनऊ नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि जब तक इन गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा दी जाती तब तक इन गांव से कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा.
लखनऊ: नगर निगम ने इन दिनों भले ही बकाया शुल्क वसूलने का अभियान चलाया हुआ है, लेकिन निगम राजधानी के बड़े-बड़े सरकारी कार्यालय, राजनीतिक दफ्तरों और बाहुबलियों से हाउस टैक्स की वसूली नहीं कर पा रहा है. वहीं हाल ही में नगर निगम की सीमा से शामिल हुए 88 गांवों में निगम सर्वे करा है. जिसको लेकर ग्रामीणों के बीच अफवाह फैल रही है कि नगर निगम सर्वे कराकर उनसे टैक्स वसूलना शुरू करेगा.
लखनऊ नगर निगम ने विगत दिनों नगर निगम सीमा में आए गांव में सर्वे कराना शुरू किया है. इन क्षेत्रों को विकास प्राधिकरण का आवास विकास विकसित कर रहा है. ऐसे सभी क्षेत्रों में कार्य अभी भले नहीं पूरे हुए हैं, लेकिन लखनऊ नगर निगम द्वारा हो रहे सर्वे को देखते हुए ग्रामीणों को भय कि निगम हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी कर रहा है. यह वह क्षेत्र हैं जिन्हें आवास विकास और लखनऊ विकास प्राधिकरण विकसित कर रहा है.
गोमती नगर के कई क्षेत्र हुए हैं शामिल
लखनऊ जन कल्याण समिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि लखनऊ नगर निगम ने अभी हाल ही में 88 गांव को नगर निगम की सीमा में शामिल किया है. सर्वे में गोमती नगर का क्षेत्र ज्यादा है और नगर निगम इन क्षेत्रों में टैक्स लगाने के लिए सर्वे भी करा रहे हैं.
मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को भेजा शिकायती पत्र
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने गोमती नगर विस्तार सहित कई क्षेत्रों में कराए जा रहे सर्वे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व नगर विकास मंत्री को शिकायती पत्र भेजा है. पत्र में यह भी कहा गया है कि जिन क्षेत्रों का नगर निगम को हैंडओवर नहीं हुआ उसमें भी निगम सर्वे करा रहा है.
क्या कहता है नगर निगम अधिनियम 1959
उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 के सेक्शन 177 ज में साफ लिखा गया है कि हाउस टैक्स तभी लिया जा सकता है. जब क्षेत्र का पूरा विकास जैसे सीवर, बिजली पानी सड़क नाले की व्यवस्था कर दी गई हो, या फिर क्षेत्र को नगर निगम की सीमा में आए 5 साल से अधिक समय हो गया है. जबकि इन इलाकों में दोनों स्थितियां अभी नहीं हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस बारे में नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में बताया कि जिन गांव को लखनऊ नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया है. उनका सर्वे जरूर कराया जा रहा है, लेकिन अभी जब तक इन गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा दी जाएंगी, तब तक इन गांवों में कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा.