लखनऊ: जहां एक तरफ समाज को स्वस्थ रखने की स्वास्थ्य विभाग पर बड़ी जिम्मेदारी है, वहीं दूसरी तरफ राजधानी के सरकारी अस्पताल खुद बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. मामला राजधानी के मोहनलालगंज सीएचसी अस्पताल का है. यहां बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में ही फेंक दिया जाता है. इस वेस्ट को आवारा जानवर खाते हैं और सरकारी अस्पताल के परिसर व आस-पास के क्षेत्रों में फैला देते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बना रहता है.
इस सरकारी अस्पताल में जानवरों का निवाला बनता है बायोमेडिकल वेस्ट
राजधानी लखनऊ में सरकारी अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में ही फेंका जा रहै. इस वेस्ट को आवारा जानवर खा रहे हैं और आस-पास के इलाके में फैला भी रहे हैं.
अस्पताल में आने वाले लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में काफी गंदगी रहती है. इससे उन्हें बीमार होने का खतरा रहता है. इसके साथ ही घरवालों को भी उनसे बीमारी फैलने का खतरा होता है.
यह कहते हैं अधिकारी
जब इस मामले में सीएचसी अधीक्षिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सफाईकर्मी कुछ नए आए हैं, जिन्हें यह पता नहीं है कि बायो मेडिकल वेस्ट को समुचित तरीके से बने हुए कमरों में रखकर कमरे को बंद करना चाहिए. सीएचसी अधीक्षिक ने भविष्य में ऐसी गलती न होने की भी बात कही.
जहां एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान चलाकर लोगों को साफ-सफाई के प्रति जागरूक कर रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से भागते हुए दूसरों पर बड़ी आसानी से आरोप लगा देते हैं. अब ऐसे में देखने वाली बात है कि कब अस्पतालों में स्वच्छता का पैमाना तय होता है.