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लखनऊ में कोविड से एक और महिला की मौत, प्रदेश में मिले 462 पॉजिटिव, 716 मरीज हुए ठीक

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोविड पाॅजिटिव महिला की शनिवार को मौत हो गई. राजधानी में कोविड से मरने वाले में इस साल यह पांचवी मौत है. वहीं यूपी में 462 पॉजिटिव मरीज मिले. वहीं 716 मरीज ठीक हो चुके हैं.

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Published : Apr 29, 2023, 10:08 PM IST

लखनऊ :राजधानी में कोविड पॉजिटिव महिला की मौत हो गई. महिला का इलाज राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चल रहा था. कोविड से मरने वाले में इस साल यह पांचवी मौत है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 34 वर्षीय महिला मरीज ह्नदय रोग से ग्रसित थी और उसे पिछले साल पेसमेकर भी लगाया गया था. इधर कुछ दिनों से दिक्कत होने पर परिजनों ने उसे अस्पताल में दिखाया. जहां जांच होने पर वह कोविड पॉजिटिव आई. शनिवार सुबह डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. निशांत निर्वाण ने बताया कि कोविड का प्रसार रोकने के लिए मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की कोविड जांच कराई जा रही है.

59 संक्रमित मिले, 102 ने दी कोरोना को मात

लखनऊ जिले में शनिवार को कोरोना के 59 नए मरीज मिले. वहीं 102 मरीजों ने कोरोना को हराने में सफलता पाई है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नए मरीज इंदिरानगर में 7, अलीगंज में 7, गोसाईगंज में 6, आलमबाग में 7, चिनहट में 5, रेडक्रास में 6, सरोजनीनगर में 6 इत्यादि क्षेत्रों के हैं. जिले में कोविड एक्टिव केसों की संख्या 519 है. सीएमओ ने बताया कि लोगों से कोरोना से बचाव को लेकर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की जा रही है.

प्रदेश में मिले 462 कोविड पॉजिटिव मरीज, ठीक हुए 716 मरीज

प्रदेश में शनिवार को 462 मरीज मिले. वहीं 716 मरीज कोविड से स्वास्थ्य हुए. बीते 24 घंटे में सुल्तानपुर, आगरा, मेरठ और लखनऊ में चार मरीज की कोविड से मौत हुई है. मौजूदा समय में सक्रिय केस की संख्या 2981 पहुंच गई है. शनिवार को सबसे अधिक गौतमबुध नगर में 80 पॉजिटिव मरीज मिले. गाजियाबाद में 60 मरीज मिले. मेरठ में 6, कानपुर में 7, प्रयागराज में 2, आगरा में 6, वाराणसी में 10, गोरखपुर में 25 कोविड पॉजिटिव मरीज मिले. जबकि बिजनौर में 5 और रायबरेली में 11 संक्रमित मरीज मिले.


चुनाव प्रचार में उड़ रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां

कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए शासन की ओर से सख्त निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इसके पीछे सरकार की मंशा कोरोना के प्रसार को रोकने की है. इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को दी गई है. इसके बावजूद निकाय चुनाव के प्रचार में लगे प्रत्याशी व उनके समर्थक कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. सुबह से शाम तक यह लोग कालोनियों में टोली बनाकर निकलते हैं. बिना मास्क के एक दूसरे के संपर्क में आ रहे हैं. इतना ही नहीं वोट के लिए लोगों के पैर छूना, गले लगना व हाथ मिलाना आम बात है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. सभी ने इसके पहले कोरोना का कहर देखा हुआ है. लिहाजा लापरवाही भारी पड़ सकती है.

गर्भपात में लापरवाही से निकालनी पड़ी बच्चेदानी

इटौंजा क्षेत्र के एक निजी अस्पताल पर गर्भपात के समय लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. आरोप है कि महिला की हालत बिगड़ने पर उसे ट्रामा सेंटर लाया गया. जहां डॉक्टरों ने बच्चेदानी को निकाल कर उसकी जान बचाई. फिलहाल महिला अभी भी ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी के लिए जंग लड़ रही है. इस मामले में महिला की तरफ से इटौंजा पुलिस और सीएमओ को पत्र लिख कर कार्रवाई की मांग की गई है. इटौंजा के भगौतीपुर निवासी इंद्रपाल ने बताया कि उसकी पत्नी शीला पाल को तीन महीने का गर्भ था. अल्ट्रासाउंड में बच्चा खराब होने की पुष्टि होने पर उसने आशा कार्यकत्री सुषमा के माध्यम से इटौंजा के जीवक हॉस्पिटल में दिखाया. जहां डॉ. विजय व अन्य स्टॉफ ने 27 मार्च को उसका अबॉर्शन (गर्भपात) किया. घर आने पर उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. दोबारा से दिखाने पर भी आराम न मिलने पर छठा मील स्थित एक निजी अस्पताल में दिखाया गया. यहां जांच कराने पर पता चला कि अबॉर्शन के समय लापरवाही बरतने से बच्चेदानी में सड़क पैदा हो चुकी है. जिसके कारण आंत पंचर हो गई है. हालात गंभीर देख डॉक्टरों ने 7 अप्रैल को उसे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. जहां उसी दिन उसके दो ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकाल कर जान बचाई गई. इस संबंध में इंस्पेक्टर इटौंजा का कहना है कि शिकायत मिली है. पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट सीएमओ ऑफिस को भी भेजी गई है.

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