लखनऊ : एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम यानी की एचआईवी एक घातक बीमारी है, लेकिन अगर समय से बीमारी का पता चल जाए तो इसका इलाज हो सकता है. इसके लिए लखनऊ के कई अस्पतालों में वैक्सीन उपलब्ध है. साथ ही समय-समय पर सरकार के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. केजीएमयू के पलमोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि विश्व एड्स टीका दिवस या एचआईवी टीका जागरूकता दिवस हर साल 18 मई को मनाया जाता है. यह दिन उन हजारों शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रयासों को चिह्नित करता है. जिन्होंने एड्स की सुरक्षित और प्रभावी दवा खोजने की प्रक्रिया में योगदान दिया है. यह निवारक एचआईवी टीका अनुसंधान के महत्व के बारें में समुदायों को शिक्षित करने का अवसर भी है.
डॉ. वेद प्रकाश के अनुसार एचआईवी में मरीज की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है. इम्युनिटी कमजोर होने पर सबसे पहले आक्रामण टीबी का होता है. इसके अलावा अन्य बीमारियां भी होने लगती हैं. एड्स को समाप्त करने के लिए विश्व एड्स दिवस की थीम 2023 असमानता को समाप्त करना और एड्स को खत्म करना रखा गया है. अमूमन जो मरीज एचआईवी से ग्रसित हैं, उन्हें समाज से बहिष्कार किया जाता है. ऐसा जागरूकता की कमी के कारण है. हालांकि एड्स छूने, साथ खाने-पीने, रहने आदि से नहीं फैलता है. आमतौर पर यह अनसेफ इंटरकोर्स एवं एचआईवी संक्रमित के इंजेक्शन या फिर उपकरण को दूसरे मरीजों के साथ शेयर करने पर फैलता है.