लखनऊ: अलाया बिल्डिंग ढहाने के बाद फरार चल रहे याजदान बिल्डर के मुख्य आरोपी फाहद याजदानी सहित पांच लोगों पर पीड़ित ने 68 लाख रुपये ठगी का बुधवार को मुकदमा दर्ज कराया है. एफआईआर लिखवाने वाले पीड़ित का आरोप है कि अलाया हेरिटेज अपार्टमेंट में एक फ्लैट उसने 68 लाख रुपये में खरीदा था. नजूल की जमीन पर बना होने के कारण एलडीए ने उसे गिरा दिया. एलडीए के अपार्टमेंट ढहाने के बाद जब उसने 68 लाख रुपये मांगे तो उन लोगों ने उसे धमकाया. पीड़ित राजेश की शिकायत पर फाहद, उसकी पत्नी, सरीन, साइम याजदानी, शराफत अली सिद्दीकी, राकेश भाल और अफजाल पर धमकाने व धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक, चौरसिया अपार्टमेंट में रहने वाले राजेश कुमार सिंह ने हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई. इसमें उन्होंने बताया कि याजदान इंफ्राकन प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर भोपाल हाउस निवासी फाहद याजदानी, साइन, शराफत, राकेश बाल, और अफजाल से अपने फ्लैट के लिए बात की थी. अपना घर बेचकर और ब्याज कराकर उसने 68 लाख रुपये कंपनी के खाते में दिए थे. इन लोगों ने उसे एलडीए व रेरा के कई प्रमाण पत्र भी दिखाए थे. इसके बाद पीड़ित ने 31 दिसम्बर 2019 को रजिस्ट्री करा ली थी. पिछले साल पता चला कि अपार्टमेंट नजूल की जमीन पर बना है. एलडीए ने 15 नवम्बर 2022 को इस अपार्टमेंट को अवैध घोषित करते हुए ढहा भी दिया. वह अवैध घोषित होते ही बिल्डर से पैसे लौटाने को कहा था. लेकिन, उन लोगों ने उसकी एक भी न सुनी, उल्टा पैसा वापस मांगने पर पीड़ित को धमकाया. इसके बाद पीड़ित ने थाने में याजदान बिल्डर्स पर एफआईआर दर्ज कराई.