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AAP की शिकायत पर लोकायुक्त ने जारी किया नोटिस, जल शक्ति विभाग के ACS से जवाब तलब

उत्तर प्रदेश में 'हर घर में नल से जल' देने की योजना पर शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने इस योजना में घोटाले के आरोप लगाए थे. अमित चोपड़ा ने लोकायुक्त से शिकायत की थी. जिस पर यह जांच शुरू हुई है.

राज्यसभा सांसद संजय सिंह
राज्यसभा सांसद संजय सिंह

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Published : Oct 1, 2021, 7:28 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 'हर घर में नल से जल' देने की योजना पर शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के प्रदेश प्रभारी सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने इस योजना में घोटाले के आरोप लगाए थे. अमित चोपड़ा ने लोकायुक्त से शिकायत की थी. जिस पर यह जांच शुरू हुई है. आरोप है कि जल जीवन मिशन में इंपैनलमेंट टेंडर वेंडर में गड़बड़ियां की गई हैं. ब्लैक लिस्टेड कंपनी को पाइप सप्लाई करने की जिम्मेदारी दी गई.


आम आदमी पार्टी के अमित चोपड़ा की शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रदेश सरकार के जलशक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव को सभी तथ्यों और तर्कसंगत साक्ष्यों के साथ जवाब दाखिल करने के लिए आगामी 7 अक्टूबर को तलब किया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और यूपी के प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि जल जीवन मिशन में एनआरएचएम से बड़ा घोटाला हुआ है. पार्टी की तरफ से जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और आला अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं. उनका कहना है कि जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह और मिशन के आला अधिकारियों खासतौर से प्रमुख सचिव नमामि गंगे और जल निगम ग्रामीण के प्रबंध निदेशक अनुराग श्रीवास्तव की सबसे प्रमुख भूमिका रही है.

सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाए हैं कि जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह इस मामले की जांच कराने के बजाय निजी कंपनियों के प्रवक्ता के तौर पर बयान जारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके कार्यकर्ता अमित चोपड़ा ने सारे तथ्यों के साथ लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर 7 अक्टूबर तक जवाब मांगा गया है.



आरोप, स्वीकृत दरों से ज्यादा पर हुए टेंडर

सांसद संजय सिंह का कहना है कि पहले मिशन के इंजीनियरों ने अपनी चिट्ठियों में लिखा कि कैसे स्वीकृत दरों से 30 से 40 प्रतिशत ज्यादा दरों पर टेंडर दिए गए हैं. यही नहीं उनकी चिट्ठियों से ये भी साफ हो गया है कि कैसे उनकी वित्तीय शक्तियों को भी 1 करोड़ से आनन फानन आदेश जारी करके 5 करोड़ तक कर दिया गया. संजय सिंह ने ये भी बताया कि कैसे इंजीनियरों की चिट्ठियों के दबाव में मिशन के अधिशाषी निदेशक अखण्ड प्रताप सिंह ने बीती 21 अगस्त को जल निगम के प्रबंध निदेशक को एक पत्र लिखकर विभाग द्वारा स्वीकृत दरों की नई सूची मंगाई. मतलब जिन बढ़ी दरों पर काम बांटे गए. उसको सही ठहराने के लिए जल निगम से ही दरों को संशोधित कराकर बढ़ी दरों के बराबर लाने के कुत्सित प्रयास किए गए.

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बुंदेलखंड में काम संतोषजनक नहीं


संजय सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल का काम करने वाली 21 कंपनियों में प्रमुख हैं एल एंड टी, एनसी टी, जीवीपा आर लिमिटेड, मेधा इंजीनियरिंग लिमिटेड, वीपीआरएपीएल प्राइवेट लिमिटेड, जेएमसी, दारा इंजीनियरिंग, जैन कंस्ट्रक्शन, बृज इंजीनियरिंग, बैन्को कंस्ट्रक्शन, यूनीप्रो प्राइवेट लिमिटेड, एनके गुप्ता प्राइवेट लिमिटेड, गायत्री लिमिटेड, बृजगोपाल प्राइवेट लिमिटेड, पीएनसी प्राइवेट लिमिटेड, आईएचपी लिमिटेड, जीए इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, रामकी बावा प्राइवेट लिमिटेड और मल्टी अर्बन प्राइवेट लिमिटेड. इन सभी कंपनियों के कामकाज को लेकर राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बीती 25 अगस्त को ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में क्रियान्वित हो रही प्रथम एवं द्वितीय चरण की विभिन्न पाइप पेयजल योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई. इस बैठक में सभी परियोजनाओं की एजेंसी वार प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा में पाया गया कि सभी कंपनियों का कार्य संतोषजनक नहीं है.

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