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कैसे रुकेगी चेन स्नैचिंग सुस्त पड़ी है पुलिस, विधि आयोग ने भी जाहिर की चिंता

लखनऊ में कैसे रुकेगी चेन स्नैचिंग इसको लेकर राज्य विधि आयोग (State Law Commission) ने चिंता जाहिर की है. विधि आयोग का कहना है कि पुलिस का सुस्त रवैया इन घटनाओं को और बढ़ावा देता है.

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Published : Dec 27, 2022, 6:25 PM IST

लखनऊ: जनपद में चैन स्नैचरों के हौसले बुलंद होते जा रहे है. इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी है. जिससे ऐसी घटनाएं रोजाना सामने आती हैं. इसके लिए विधि आयोग द्वारा सख्त कानून की सिफारिश की गई थी, लेकिन अभी तक उसको लागू नहीं किया गया है.

इन चैन स्नैचरों से महिलाओं में दहशत फैल गई है. लोगों को चैन स्नैचिंग का डर सता रहा है. लोगों का कहना है कि गली मौहल्लों से गुजरते हुए बदमाश चेन स्नैचिंग की घटनाओं को अंजाम देकर हेलमेट के सहारे फरार भी हो जाते है. वहीं, पुलिस सीसीटीवी खंगालती रह जाती है. लेकिन, न तो चैन स्नैचर पकड़े जाते हैं और न ही सामान की बरामदगी हो पाती है. जनपद में हाईटेक पुलिस के सभी 5 जोन में चैन स्नैचिंग के 31 मामलों का पुलिस अब तक खुलासा नहीं कर सकी है. इसमें सबसे अधिक उत्तरी जोन के 16, पश्चिमी जोन के 11, दक्षिणी जोन में 2 और पूर्वी, मध्य जोन में 1-1 मुकदमों में पुलिस (Police negligence in Lucknow) अब तक कुछ भी नहीं कर सकी है.

22 दिसंबर को अलीगंज सेक्टर के डी इलाके में पौधों के लिए खाद लेकर लौट रहीं डॉ. सुचिता श्रीवास्तव से दो बाइक सवार दो बदमाशों ने झपट्टा मार चैन स्नैचिंग की. उसके बाद बदमाश फरार हो गए. इसी तरह से और भी कई घटनाएं सामने आई हैं.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक, चेन स्नैचरों की गिरफ्तारी समय पर की जाती है. जो अब तक फरार हैं, उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा. डीसीपी का कहना है कि बाजारों में पुलिस का गस्त बढ़ाया जाए.

राज्य विधि आयोग ने कानून को लेकर की थी सिफारिश: पूर्व पुलिस अधिकारी ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी ने कहा कि यूपी में चेन स्नैचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए साल 2019 में विधि आयोग ने ऐसे अपराधियों को 3 से 14 वर्ष तक के कारावास व जुर्माने की सजा देने की सिफारिश की थी. आयोग ने कहा था कि कानून में ऐसे अपराध के लिए अलग से प्रावधान नहीं है. इसलिए, आईपीसी में धारा 379-ए और 379-बी जोड़कर सजा के प्रावधान होने चाहिए. आयोग ने आईपीसी की धारा 410 में चोरी के साथ स्नैचिंग शब्द जोड़ने की भी सिफारिश की थी. आयोग का मानना है कि स्नैचिंग के दौरान लूटे गए जेवरात को बेच दिया जाता है और खरीदने वाले जेवरात को गला देते हैं, जिससे उसकी रिकवरी नहीं हो पाती है. फिलहाल, अभी आईपीसी की धारा 356 व 379 का ही इस्तेमाल चेन स्नैचिंग के (Chain snatching in lucknow) मामले में होता है.

इन जगहों पर सबसे ज्यादा चैन स्नैचिंग:विधि आयोग (State Law Commission expressed concern) द्वारा बताया गया था कि दिल्ली से जुड़े अपराधी प्रदेश के मुरादाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर नगर, वाराणसी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, फतेहगढ़, झांसी, मथुरा, मैनपुरी और बरेली में चेन स्नैचिंग की घटनाएं सबसे अधिक हुई है.

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