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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसली ऋण लेने वाले ऋणी किसान 31 दिसंबर तक फसल का बीमा करा सकते हैं. वहीं सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के कार्यों हेतु 3 अरब 75 करोड़ 25 लाख स्वीकृत किए गए हैं. साथ ही अभी तक 31.28 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक

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Published : Dec 10, 2020, 10:14 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त जिलाधिकारियों एवं कृषि निदेशक को निर्देश जारी किया है. निर्देश देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत रबी की फसल 2020-21 मौसम में बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर है. इस योजना का का समयबद्ध एवं सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय मानीटरिंग कमेटी गठित है.

इसके साथ ही जिला स्तरीय मानीटरिंग कमेटी को निर्देश दिए गए हैं. आगामी 15 दिसम्बर तक समिति की बैठक कर अपने स्तर से सभी बैंकों को निर्देशित कर दें कि फसली ऋण लेने वाले ऋणी किसानों को समय से इस प्राविधान के बारे में अवगत करा दिया जाए. बीमा कराने की अंतिम तिथि के सात दिन पूर्व तक बैंक को लिखित रूप से सूचित न करने वाले किसानों के केसीसी खाते से प्रीमियम की कटौती बैंक द्वारा कर ली जाएगी.

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के कार्यों हेतु 3 अरब 75 करोड़ 25 लाख स्वीकृत
सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के कार्यों हेतु 3 अरब 75 करोड़ 25 लाख रुपये परियोजना के विभिन्न कार्यों पर व्यय हेतु स्वीकृत किए गए हैं. शासनादेश में यह भी कहा गया है कि परियोजना का निर्माण कार्य समय से पूरा कराने के लिए कहा गया है. स्वीकृत धनराशि को व्यय करते समय-समय पर जारी सुसंगत प्राविधानों का पालन करना होगा. इसके अलावा स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी कार्य के लिए किया जाएगा. अन्यथा की स्थिति में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर इसका समस्त उत्तरदायित्व विभाग का होगा.

31.28 लाख मीट्रिक टन हुई धान खरीद
राज्य सरकार ने खरीफ क्रय वर्ष 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना के तहत स्थापित क्रय केन्द्रों के माध्यम से, अब तक 31 लाख, 28 हजार, 169मीट्रिकटन धान किसानों से सीधे क्रय किया है. किसानों से क्रय किए गए धान की कीमत का भुगतान भी किसानों के खातों में कर दिया गया.

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