लखनऊ:खरीफ की प्रमुख फसल धान के लिए इस बार आरंभ से ही वर्षा होने से किसानों को इसके बेहतर उत्पादन की उम्मीद है. बीते वर्ष भी यह फसल अच्छी थी, लेकिन कटाई से ठीक पहले बड़े पैमाने पर धान में कंडुआ रोग लग गया था. इस वर्ष भी धान की नर्सरी डालने व धान की रोपाई का समय है. हालांकि जनपद के कुछ क्षेत्रों में धान की फसल में कंडुआ रोग लग रहा है. फसल में रोग लगने की शिकायत जिला कृषि रक्षा अधिकारी को भी लगातार मिल रही है, जिससे वो भी चिंतित हैं. हालांकि जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने धान की फसल को रोगों से बचाने के उपाय बताएं हैं.
फसल में लग रहा मिथ्या कड़वा रोग
जिला कृषि रक्षा अधिकारी धनंजय सिंह ने बताया कि जनपद के कुछ क्षेत्रों में धान की फसल में मिथ्या कंडुआ रोग दिखाई दिया था. यह एक फफूंद जनित रोग है, जो ustilaginoidea से होता है, जिसका प्राथमिक स्रोत मृदा एवं प्राकोपित बीज होते हैं. इस रोग का लक्षण बाली निकलने के बाद ही दिखाई देता है. इसमें दाने पीले व काले आवरण से ढके रहते हैं, जिसमें पीले व काले के साथ भूरे रंग के पाउडर जैसे स्पाट रहते हैं. उन्होंने बताया कि इस रोग के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 90% से अधिक आद्रता अनुकूल होती है.