लखनऊः चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर लंगूर की आवाज सुनाई देगी. हालांकि यह आवाज वास्तव में लंगूर की न होकर इंसान की होगी. जी हां, मंकी हैंडलर किस्मत एक बार फिर अपनी लंगूर की आवाज के जरिए रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को परेशान करने वाले बंदरों को भगाता हुआ नजर आएगा. रेलवे ने किस्मत को फिर से ₹15000 में बंदर भगाने का ठेका दिया है.
बंदरों को भगाने की जिम्मेदारी 'किस्मत' की, चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चार बाग रेलवे स्टेशन पर बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है. लॉकडाउन से पहले किस्मत नाम के व्यक्ति को बंदर भगाने का ठेका दिया गया था लेकिन बाद में ठेका खत्म कर दिया गया था. अब रेलवे ने फिर से यह काम किस्मत को सौंपा है.
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स्टेशन पर बढ़ा बंदरों का आतंक
राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर बंदरों का आतंक एक बार फिर से बढ़ने लगा है. ऐसे में रेलवे को फिर से मंकी हैंडल करने वाले विशेषज्ञ किस्मत की याद आ गई. पहले भी चारबाग रेलवे स्टेशन पर बंदरों को भगाने के लिए किस्मत को तैनात किया गया था. पहले दो लंगूर को लेकर किस्मत यहां पर बंदर भगाता था, लेकिन कई वन्यजीव संस्थाओं ने लंगूरों को स्टेशन पर रखने का विरोध किया था. इसके बाद लंगूर को हटाकर यहां पर किस्मत ने ही लंगूर की आवाज निकालनी शुरू कर दी थी. बंदर भगाने के लिए रेलवे किस्मत को ₹21000 प्रति माह देता था लेकिन कोरोना से पहले किस्मत का ठेका खत्म हो गया. अब अनलॉक में एक बार फिर रेलवे को किस्मत की याद आई और अब ₹15000 प्रति माह में उसे फिर से बंदर भगाने का ठेका दिया गया है.
शुरू कर दिया काम
किस्मत ने रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म से लेकर वाशिंग लाइन तक घूम-घूमकर बंदरों को भगाने का काम शुरू कर दिया है. सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक अपने मुंह से लंगूर की आवाज निकाल कर किस्मत बंदरों को भगा रहा है.