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अटल जयंती पर भी शुरू नहीं हो सका 11 किलोमीटर लंबा किसान पथ

राजधानी लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 11 किलोमीटर लंबे किसान पथ की शुरुआत होनी थी, लेकिन भाजपा सरकार होने के बावजूद अफसरों की लापरवाही इस प्रोजेक्ट पर भारी पड़ गई. 13.40 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रोजेक्ट के लिए अभी तक तीन करोड़ 45 लाख रुपये ही मिल पाए हैं.

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लखनऊ विकास प्राधिकरण.

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Published : Dec 25, 2020, 3:25 PM IST

लखनऊ: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर 11 किलोमीटर लंबे किसान पथ की शुरुआत होनी थी, लेकिन भाजपा सरकार होने के बावजूद अफसरों की लापरवाही इस प्रोजेक्ट पर भारी पड़ गई. किसान पथ की सर्विस लेन पर बनने वाली एक पुलिया को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी न होने के कारण यह काम आज नहीं शुरू हो सका. अब सिंचाई विभाग अधिकारी फरवरी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर इस काम को तेजी से कराए जाने के दावे कर रहे हैं.

टेंडर न होने से रुका काम
राजधानी में किसान पथ बनाकर अयोध्या हाईवे और सुलतानपुर हाईवे को जोड़ने की योजना बनाई गई थी. इस किसान पथ की 11 किलोमीटर की लंबाई निर्धारित थी, लेकिन किसान पथ का निर्माण तो लगभग पूरा हो चुका है. वहीं किसान पथ डेढ़ किलोमीटर लंबी सर्विस लेन को बनाया जाना था. इसके निर्माण से पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से यह काम फंस गया है. इस सर्विस लेन के माध्यम से तमाम यातायात को मोहनलालगंज होते हुए सुलतानपुर रोड होकर किसान पथ से अयोध्या हाईवे पर ले जाने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन सर्विस लेन पर एक पुलिया निर्माण के लिए टेंडर न होने की वजह से यह काम अधर में लटका है.


सांसद प्रतिनिधि ने कहा, अब जल्द कराया जाएगा टेंडर
भाजपा सांसद व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने कहा अधिकारियों से संपर्क कर जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया पूरा कराने के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिशा-निर्देश दिए हैं.

सिंचाई विभाग के स्तर पर टेंडर न होने से काम फंसा
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र रस्तोगी ने बताया, इसका काम सिंचाई विभाग को करना था. बजट भी दिया जा चुका है. सर्विस लेन बनाने की स्वीकृति जुलाई में मिल चुकी थी. इस बीच सिंचाई विभाग टेंडर आमंत्रित नहीं कर पाया. हम उनसे संपर्क में हैं. 13.40 करोड़ रुपये में से अभी तक तीन करोड़ 45 लाख रुपये ही मिल पाए हैं. ऐसे में काम की रफ्तार भी धीरे है.

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