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लखनऊ: केजीएमयू के पहले कुलपति प्रोफेसर केएम सिंह का निधन

लखनऊ के केजीएमयू के पहले कुलपति प्रोफेसर केएम सिंह का 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया. प्रोफेसर सिंह न केवल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति थे बल्कि वह केजीएमसी के जॉर्जियन भी थे.

केजीएमयू के पहले कुलपति
केजीएमयू के पहले कुलपति

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Published : Jun 28, 2020, 5:26 AM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के मेडिकल यूनिवर्सिटी बनने के बाद बने पहले कुलपति प्रोफेसर केएम सिंह का शनिवार को निधन हो गया. प्रोफेसर सिंह 77 वर्ष के थे. उनके निधन पर उनके छात्र रह चुके डॉक्टरों और प्रोफेसरों ने शोक व्यक्त किया.

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मीडिया प्रवक्ता और रेडियोथैरेपी के प्रोफेसर डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि केजीएमयू के लिए यह बेहद ही दुखद सूचना है. प्रोफेसर सिंह न केवल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के पहले कुलपति थे बल्कि वह केजीएमसी के जॉर्जियन भी थे.

1965 में हासिल की एमबीबीएस की डिग्री
डॉ. सुधीर ने बताया कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 1965 बैच में उत्तीर्ण हुए प्रोफेसर केएम सिंह ने एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद 1968 में उन्होंने यहीं से एमएस सर्जरी की डिग्री हासिल की. 1970 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर के पद पर प्रोफेसर सिंह सर्जरी विभाग में तैनात हुए थे.

डॉ. सुधीर ने बताया कि प्रोफेसर सिंह समय के साथ आगे बढ़ते गए और 1998 में यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यभार संभाला. 2001 में प्रोफेसर केएम सिंह किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल बने. 16 सितंबर 2002 में जब चिकित्सा विश्वविद्यालय को मान्यता मिली तब प्रो. केएम सिंह केजीएमयू के पहले वाइस चांसलर के तौर पर नियुक्त हुए.

केएम सिंह का 77 वर्ष की आयु में हुआ निधन.

1981 में केजीएमयू में की यूरोलॉजी यूनिट की स्थापना
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और प्रोफेसर केएन सिंह के छात्र रह चुके डॉ. अपुल गोयल ने कहा कि प्रोफेसर सिंह का हमारे समाज में बहुत बड़ा योगदान रहा है. 1978 में उन्हें कॉमनवेल्थ फेलोशिप मिली और इंग्लैंड लीड्स में जाकर उन्होंने यूरोलॉजी की ट्रेनिंग हासिल की. वहां से वापस आकर उन्होंने 1981 में प्रोफेसर हरीश चंद्रा के साथ किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में यूरोलॉजी यूनिट की स्थापना की और आगे चलकर न्यूरोलॉजी विभाग के वह विभाग विभागाध्यक्ष बने.

वह यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर भारत में यूरोलॉजी के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों में जाने जाते थे. डॉ. अपुल ने बताया कि प्रो. सिंह मेरे एमबीबीएस और एमएस के शिक्षक रहे हैं. हालांकि वह बहुत ही संयमित और बोल्ड सर्जन थे, लेकिन स्टूडेंट के बीच में वह हमेशा से ही काफी पॉपुलर रहे. उन्हें पढ़ने पढ़ाने का काफी शौक रहा.

1943 में हुआ था जन्म
डॉक्टर सुधीर ने कहा कि प्रोफेसर केएम सिंह का जन्म सन 1943 में हुआ था और 27 जून 2020 को उनका निधन हो गया है. यह विश्वविद्यालय के साथ पूरे चिकित्सा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारी, चिकित्सक, छात्र-छात्राएं शोक में है और शोकाकुल परिवार के साथ हैं. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रोफेसर के एन सिंह को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता है.

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