लखनऊ : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से सुविख्यात कथकाचार्य पं.लच्छू महाराज की स्मृति में कथक के लास्य अंग पर आधारित दो दिवसीय कार्यक्रम “नमन” अकादमी के संत गाडगे ऑडिटोरियम गोमती नगर शुरु हुआ. विशिष्ट अतिथि लेखिका पदमश्री डॉ. विद्या विंदु सिंह, कर्नल हर्ष नागर और सुप्रसिद्ध कथक नर्तक राम मोहन महाराज ने पं.लच्छू महाराज को नमन कर पुष्पांजलि अर्पित कर उद्घाटन किया. अकादमी के निदेशक तरुण राज ने अतिथियों का स्वागत किया. दिल्ली से आईं कथक कलाकार नम्रता राय और विश्वदीप की प्रभावी नृत्य प्रस्तुतियों के साथ एसएनए कथक केन्द्र की कथक गुरु नीता जोशी और रजनी वर्मा के निर्देशन में भी शानदार प्रस्तुतियों ने प्रभावित किया.
पं लच्छू महाराज की स्मृति में सजी कथक संध्या.
एकता मिश्रा के दल की एकल नृत्य प्रस्तुति ने भी खूब प्रशंसा पाई. नम्रता राय ने मुगल काल के दरबारी अंग को अपने अनोखे अंदाज में पेश किया. गजल “दिल मेरा इस सलीक से जलता दिखाई दे...” पर हुई उनकी कथक प्रस्तुति पर सभागार तालियों से गूंज उठा. पारंपरिक कथक के बाद उन्होंने जयदेव कृत गीत गोविंद के अष्टपदी से प्रिय चारुशीले पर बैठकी अंदाज में पेश कर प्रशंसा पाई. विश्वदीप के दल ने कवित्व पर आधारित कालिया मर्दन प्रसंग पेश किया. उन्होंने शब्द विहीन भाव विस्तारित कथक प्रस्तुति में संत नंदनार के बारे में बताया. आखिर में चतुरंग में कृष्ण की नायिका के स्वरूप को प्रभावी रूप से पेश किया.
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लखनऊ की एकता मिश्रा ने भगवान विष्णु की वंदना “शान्ताकारं” के बाद पारंपरिक कथक के तहत आमद उठान की तैयारी का प्रभावी प्रदर्शन किया. गुरु पं.अर्जुन मिश्रा की रचना जिसमें छह तालों में आधारित तेज आमद को पेश किया कान्हा से मिलन पर आधारित अभिसारिका नायिका के भावों के सशक्त प्रदर्शन के बाद उन्होंने ठुमरी “मोहे छेड़ो न नंद के सुनहु छैल...” पर कथक के भावों का प्रदर्शन किया. द्रुत जुगलबंद पेश की जिसमें तबले पर विकास मिश्रा ने उनका साथ दिया.
कथक केंद्र की प्रस्तुति कथक संरचनाएं में नृत्याभिनय के अंतर्गत पद संचालन, तैयारी के साथ-साथ अभिनय और लास्य को प्रभावी रूप से पेश किया गया. शृंगार प्रधान इस प्रस्तुति में “काहे रोकत डगर प्यारे नंदलाल मेरो” और “मोसे करत रार बर जोरी श्याम” पर अतिसुंदर संयोजन देखने को मिले. नीता जोशी के नृत्य निर्देशन में हुई इस प्रस्तुति में नीता जोशी, अदिति, ईशानी, विधि, वेदान्शी, वैष्णवी, मानवी शामिल रहीं. संगीत निर्देशन-गायन कमलाकांत ने तबले और पढ़न्त पर डॉ. राजीव शुक्ला, सितार पर डॉ. नवीन मिश्र, बांसुरी पर दीपेंद्र कुंवर ने प्रभावी संगत दी. कथक प्रशिक्षिका रजनी वर्मा के नृत्य निर्देशन में गुरु नमन की प्रस्तुति भी हुई. इसमें कथक केन्द्र की छोटी-छोटी छात्राओं ने प्रतिभाग किया।तबला संगत पार्थ प्रतीम मुखर्जी और शहनवाज खान ने साथ दिया.
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