उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लखनऊ: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड व चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सदस्यों का बढ़ा कार्यकाल

इलाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड(जेजेबी) व चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्ल्यूसी) से जुड़े हुए मामले पर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इसमें जेजेबी और सीडब्ल्यूसी के नए सदस्यों की नियुक्ति तक इलाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच मौजूदा सदस्यों की सदस्यता की सीमा बढ़ा दी है.

etv bharat
अनूप गुप्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया फैसला.

By

Published : Feb 12, 2020, 3:38 AM IST

लखनऊ: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड(जेजेबी) व चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्ल्यूसी) के नए सदस्यों की नियुक्ति तक इलाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच मौजूदा सदस्यों की सदस्यता की सीमा बढ़ा दी है. यह वैधता दिसम्बर 2019 में ही समाप्त हो चुकी है. साथ ही न्यायालय ने राज्य सरकार को एक जुलाई तक नए सदस्यों की नियुक्ति कर कार्यभार सौंप देने के आदेश दिये हैं. यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने अनूप गुप्ता की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया.

लखनऊ बेंच ने के विपरीत दिया गया था पिछला कार्यभार

अनूप गुप्ता की जनहित याचिका पर स्वतः संज्ञान लेकर न्यायालय बच्चों के मामलों पर सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान न्यायालय के संज्ञान में 31 जनवरी, 2020 के राज्य सरकार के शासनादेश को लाया गया. जेजेबी व सीडब्ल्यूसी के सदस्यों का दिसम्बर, 2019 में कार्यकाल खत्म हो गया है. लिहाजा नए सदस्यों की नियुक्ति तक सरकार ने सीडब्ल्यूसी का कार्यभार जिलाधिकारी द्वारा नामित अपर जिलाधिकारी व उप-जिलाधिकारी को सौंप दी. वहीं जेजेबी की जिम्मेदारी जनपद न्यायाधीश ने नामित मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंप दी. लखनऊ बेंच ने इसे जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम व नियमावली के प्रावधानों के विपरीत पाया. इसे देखते हुए न्यायालय ने अंतरिम उपाय के तौर पर दिसम्बर 2019 तक काम कर चुके सीडब्ल्यूसी व जेजेबी के सदस्यों को फिलहाल काम करते रहने का निर्देश दिया.

बच्चों के हित को देखते हुए यह निर्देश

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों के हित को देखते हुए यह निर्देश दिया जा रहा है. इसका अर्थ यह कदापि नहीं होगा कि सदस्यों की नई नियुक्ति कर दी गई है. नए सदस्यों की नियुक्ति अथवा कोर्ट द्वारा रोके जाने पर उनका कोई अधिकार नहीं होगा. न्यायालय ने चयन समिति को भी निर्देश दिया है कि वह सदस्यों के नाम का प्रस्ताव 31 मई, 2020 तक सरकार को भेज दे. इसके साथ ही सरकार ट्रेनिंग कराने के पश्चात नए सदस्यों को 1 जुलाई 2020 तक कार्यभार ग्रहण करा दे. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी.

ये भी पढ़ें-बजट सत्र में सरकार को घेरेगा विपक्ष, 18 फरवरी को पेश होना है बजट

ABOUT THE AUTHOR

...view details