लखनऊ : अखिलेश यादव की सरकार में 300 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए विश्व के सबसे बड़े जनेश्वर मिश्र पार्क पर सालाना मेंटेनेंस में करीब 10 करोड़ का खर्च होता है. इसके बावजूद पार्क का बुरा हाल होता जा रहा है. झूले टूट रहे हैं. बोट बदहाल है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जब यहां के बुरे हाल को लेकर ट्वीट किया तो लखनऊ विकास प्राधिकरण को भी सुधार करने की याद आई, लेकिन पार्क में रोजाना आने वाले हजारों लोगों को यहां समस्याओं का सामना करना पड़ता है. माना जा रहा है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों और ठेकेदारों की साठगांठ सिपार के मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए के वारे न्यारे हो रहे हैं.
साल 2017 में जनेश्वर मिश्र पार्क का लोकार्पण किया गया था. लगभग ढाई सौ एकड़ में यह पार्क बना हुआ है, जिस पर करीब 300 करोड़ रुपए का खर्च आया था. यहां 30 एकड़ में झील है. चार ब्लॉक में पार्क विभाजित हैं. 10 एकड़ के हिस्से में बहुद्देशीय स्थल हैं. जहां शादी विवाह के जरिए साल भर में करोड़ों रुपए की कमाई होती है. इसके अलावा प्लेइंग जोन है. ओपन एयर जिम है. वॉकिंग ट्रैक और सिंथेटिक ट्रैक हैं जोकि करीब 5 किलोमीटर लंबे हैं. यहां की झील में कभी गंडोला बोट तैरा करती थी, जोकि करीब 4 करोड़ रुपए में इटली से मंगाई गई थी. यह बोट अब बंद हो गई है. लगभग 10 करोड़ रुपए की लागत से लगाए गए झूले टूट रहे हैं. ओपन एयर जिम के उपकरण खराब हो रहे हैं. सिंथेटिक ट्रेक बदहाल है. स्टोन जगह-जगह से टूट रहा है. पार्क में गंदगी का बुरा हाल है.