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जमियत उलेमा-ए-हिन्द की मुसलमानों से अपील, शबे-बरात में घरों पर रहकर करें इबादत

जमियत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी की ओर से जारी हुए लिखित बयान में कहा गया है कि शबे-बरात के अवसर पर मुसलमान अपने घरों में रहकर ही इबादत और कुरान मजीद की तिलावत करें. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखें.

जमियत उलेमा-ए हिन्द ने जारी किया बयान .
जमियत उलेमा-ए हिन्द ने जारी किया बयान .

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Published : Apr 7, 2020, 9:46 AM IST

लखनऊ: देश के सबसे बड़े मुस्लिम संगठनों में से एक जमीयत उलेमा-ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने शबे-बरात के अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने सारे मुसलमानों का ध्यान आकर्षित किया है कि इस अवसर पर अपने घरों में रहकर ही इबादत और कुरान मजीद की तिलावत करें.

जमियत उलेमा-ए-हिन्द ने जारी किया बयान

जमियत उलेमा-ए-हिन्द की ओर से जारी हुए लिखित बयान में कहा गया है कि शबे-बरात में इबादत करना सवाब का काम है और इसकी विशेष महत्ता है. नफली इबादत जितनी अधिक हो सके, उसे रात में अंजाम दें. जिक्र करें और तसबीह पढ़ें. दुआएं करें और अपने गुजर चुके रिश्तेदारों को सवाब पहुंचाने का एहतमाम करें. यह सारी इबादतें घर पर रहकर बेहतर तरीके से अंजाम दी जा सकती हैं.

जमीयत उलेमा-ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी.

मानवता की सुरक्षा के लिए घर से न निकलें मुसलमान-महमूद मदनी

कब्रिस्तान जाने के सिलसिले में भी फुकहा (इस्लामिक स्कॉलर्स) की राय है कि हर शबे-बरात में जाना जरूरी नहीं है. ऐसे हालात में घरों से बाहर निकलना, देर रात सड़क पर हंगामा करना, गाड़ियां घूमाना, शरीयत और कानून के खिलाफ है. मौलाना महमूद मदनी ने कोरोना वायरस से पैदा वर्तमान स्थितियों में मानवता की सुरक्षा के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और घरों में रहने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो वह शरीयत के विरुद्ध और कानूनी भी जुर्म होगा.

इन सब बातों का पालन करने की मुसलमानों से अपील

  • शबे -बरात के अवसर पर अपने घरों से बाहर न निकलें बल्कि अपने घरों में नमाज़ और दूसरी इबादतों में खुद को लगाए रखें
  • गाड़ी पर सवार होकर सड़क पर न घूमें और न ही आतिशबाजी जैसे शरीयत के खिलाफ कार्यों में लिप्त हों.
  • कब्रिस्तान जाने के बजाय अपने दुनिया से चले गए परिवारजनों, रिश्तेदारों के लिए, घरों में रहकर ही सवाब पहुंचाने का कार्य करें.
  • इस रात में भी मस्जिदों में फर्ज नमाज की अदायगी के लिए न जाएं, बल्कि अपने घरों में रहकर सभी नमाज अदा करें.
  • हर व्यक्ति अपने स्थान पर तौबा- इस्तिगफार, इबादत, दुआएं अवश्य करे.
  • इन क्षणों को बेकार में नष्ट करने के बजाए लोगों की भलाई और जनसेवा के कामों में लगाया जाए.
  • सदका, खैरात (अल्लाह की राह में दान) का प्रबंध किया जाए.
  • मोहल्ला और पड़ोस में मौजूद गरीब और आर्थिक तौर पर परेशान लोगों की मदद का विशेष ध्यान रखा जाए.
  • तहज्जुद का एहतमाम करें और अल्लाह से रो-रो कर माफी मांगे.
  • देश और कौम की भलाई और इस कोरोना महामारी से छुटकारे के लिए विशेष दुआ करें.

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