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SC के सामने युवती के आत्मदाह मामले की जांच रिपोर्ट CM को सौंपी गई, कई पुलिसकर्मियों पर गिर सकती है गाज

बलिया की एक युवती ने मऊ के घोसी लोकसभा सीट से बीेएसपी सांसद अतुल राय पर आरोप लगाए थे कि अतुल ने सात मार्च 2018 को उसे वाराणसी के लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था. वहां पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म किया. पर पुलिस के उसके सहयोग करने की बजाय कथित तौर पर परेशान करने को लेकर युवती और उसके एक सहयोगी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया.

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर

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Published : Sep 1, 2021, 11:19 AM IST

लखनऊ :सुप्रीम कोर्ट के सामने रेप पीड़िता के आत्मदाह करने के मामले की जांच कर रही डीजी व एडीजी की समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी दी है.

जांच रिपोर्ट की प्रति शासन और डीजीपी मुख्यालय भी भेजी गई है. सूत्रों की मानें तो जांच के दायरे में आए कुछ और पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है.

बता दें कि बीते 21 अगस्त को दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट के बाहर रेप पीड़िता और उसके एक साथी ने खुदकुशी करने का प्रयास किया था. बाद में उनकी मौत हो गई.

इस दौरान दोनों ने फेसबुक पर लाइव वीडियो में बसपा सांसद अतुल राय पर रेप करने व अमिताभ ठाकुर पर सांसद के इशारे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.

मुख्यमंत्री के आदेश पर मामले की जांच IPS नीरा रावत और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के DG आर.के विश्वकर्मा को सौंपी गई थी. जांच समिति को दो हफ्ते में सरकार को रिपोर्ट सौंपनी थी.

समिति ने जांच के दायरे में आए पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर, वाराणसी के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक, डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल, लंका थाने के इंस्पेक्टर संजय राय व उनके बेटे विनय का बयान दर्ज किया था.

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बीते शुक्रवार को जांच टीम की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर ही लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में पूर्व सांसद अतुल राय व पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध पीड़ित युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर पूर्व IPS अमिताभ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

जांच समिति ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए.सतीश गणेश, एडीजी वाराणसी जोन बृजभूषण, आइजी वाराणसी रेंज एसके भगत व एसीपी आदित्य लांघे समेत 10 और पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए.

तीन विवेचकों से भी लंबी पूछताछ की. यही नहीं, जांच समिति ने रेप पीड़िता की मां व भाई के बयान भी दर्ज किए. दो सप्ताह में जांच पूरी कर समिति ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी. जांच रिपोर्ट की प्रति शासन और डीजीपी मुख्यालय भी भेजी गई है.

टीम ने बयान दर्ज करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रकरण में दर्ज 12 मुकदमों में की गई पुलिस कार्रवाई की सिलसिलेवार समीक्षा की. यह भी देखा कि पुलिस कार्रवाई में कहां-कहां किस स्तर पर लापरवाही हुई.

जांच टीम जिन 12 मुकदमों की छानबीन की है, उनमें पांच पीड़ित युवती की ओर से दर्ज कराए गए थे. सात मुकदमे युवती व उसके पैरोकार युवक के विरुद्ध दर्ज कराए गए थे.

बता दें कि बलिया की रहने वाली एक युवती ने मऊ के घोसी लोकसभा सीट से बीएसपी सांसद अतुल राय पर आरोप लगाए थे कि अतुल ने सात मार्च 2018 को उसे वाराणसी के लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था.

वहां पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म किया. अश्लील वीडियो भी बनाया. युवती वाराणसी के एक कॉलेज की छात्रा रह चुकी है. इस मामले में पीड़िता ने एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था.

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