लखनऊ: वर्ष 2018 से 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को साइकिल चलाकर अपनी सेहत और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना होता है. वहीं विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टरों से साइकिलिंग के बारे में बात की.
विश्व साइकिल दिवस पर ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से की बातचीत. जानिए विश्व साइकिल दिवस पर डॉक्टरों की राय-डॉ प्रिंसी ने कहा कि दिन भर बैठ कर पढ़ने और रीडिंग रूम में रहने की वजह से धीरे-धीरे हाइपरटेंशन और कुछ अन्य बीमारियां घर कर जाती हैं. इसलिए हम साइकिलिंग को प्रमोट करने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि वह बीमारियों से बच सकें.
डॉ. राहुल का कहना है कि हड्डियों को मजबूती देने के लिए साइकिलिंग एक बेहद अच्छा उपाय हो सकता है. इससे न केवल हड्डियां बल्कि मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं. साथ ही साथ घुटने के कार्टिलेज को भी साइकिलिंग क्षरण होने से बचा सकती है. दिल की बीमारियों के साथ सांस से संबंधित तमाम बीमारियों को रोकने और कम करने में साइकिलिंग बेहद कारगर साबित हो सकती है. इसके अलावा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियों से बच सकते हैं.
इसके अलावा डॉ. सोफिया ने कहा कि बच्चों में अभी से इस बात की ओर जागरूकता लानी चाहिए कि इनडोर गेम्स के बजाए आउटडोर गेम्स और साइकिलिंग को वह महत्व दें. ताकि वह खुद बीमारियों से बच कर रह सकें. बच्चों में देखा गया है कि वह बैठे-बैठे एक ही जगह पर गेम्स खेलते हैं. इस वजह से अभी से उनमें डायबिटीज और हाइपरटेंशन समेत कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही है. साइकिलिंग करने से उनकी हड्डियों मजबूत होती हैं.
वहीं डॉ. हिमांशु का कहना है कि साइकिलिंग सोचने की शक्ति को भी काफी सकारात्मक रूप से प्रभावशाली बनाता है. साइकिलिंग करने से न्यूरोलॉजिकल बीमारियां होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है. इसके अलावा कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम भी साइकिल से मजबूत होता है.