लखनऊ :अफगानिस्तान के काबुल में इस वक्त सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं, जो घर वापस आना चाहते हैं. काबुल की एक फैक्ट्री में फंसे ऐसे ही करीब 18 भारतीय कर्मचारियों ने अपना दर्द बयां किया. कर्मचारियों का कहना है कि उनकी कंपनी ने पासपोर्ट रख लिया है और उन्हें वापस जाने नहीं दे रही है. फंसे हुए कर्मचारियों का कहना है कि अभी किसी तरह सिर्फ हम अपनी कंपनी में सेफ हैं, लेकिन हम सरकार से गुजारिश करते है कि हमें यहां से बाहर निकाले.
इन कर्मचारियों में उत्तर प्रदेश के चन्दौली के रहने वाले व्यक्ति ने कहा कि भारत सरकार से हमारा निवेदन है कि उन्हें किसी भी तरह यहां से निकाल लिया जाए, ताकि वह अपने घर पहुंच सकें. कर्मचारी का कहना है कि उनके परिजन घर पर रो रहे हैं, हमारे लिए परेशान हैं क्योंकि हालात यहां पर ठीक नहीं हैं.
काबुल में फंसे हुए इन कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी ने उनका पासपोर्ट रख लिया है और वो वापस नहीं देना चाहती है. इनमें से अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश के हैं, जो गाजियाबाद, चन्दौली, गाजीपुर और अन्य इलाकों से यहां पर काम के लिए आए हुए हैं.
ये जो कर्मचारी फंसे हुए हैं, उनमें से कुछ लोग एक महीने पहले ही आए हैं जबकि कई कुछ महीने पहले आए थे. कर्मचारी का कहना है कि कंपनी पासपोर्ट नहीं दे रही है और बाहर नहीं जाने दे रही है. कंपनी ने कहा है कि उनकी मर्ज़ी के बिना कोई नहीं जा पाएगा. जो भारतीय कर्मचारी फंसे हैं, वो काबुल की एक स्टील कंपनी में काम करते हैं.
तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है . वहां के हालात काफी खराब बताए जा रहे हैं. वहीं, काबुल एयरपोर्ट को सुबह ही अमेरिकी एजेंसियों ने दोबारा खुलवाया है. भारत अपने लोगों की सुरक्षा को लेकर सजग है. इसके मद्देनजर आज भारतीय वायुसेना का C-17 ने सुबह 7.30 बजे काबुल से उड़ान भरी. इस विमान में करीब 120 भारतीय अधिकारियों को वापस लाया जा रहा है.
बता दें कि, दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिका के सैनिकों की पूर्ण वापसी से दो सप्ताह पहले तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है.