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Lakhimpur Kheri Case: SIT की चार्जशीट में आशीष मुख्य आरोपी, टेनी गायब, ये सवाल उठे...

लखीमपुर खीरी कांड में एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. इसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया है जबकि मंत्री टेनी का नाम इसमें गायब है. इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.

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Published : Jan 3, 2022, 5:41 PM IST

Updated : Jan 3, 2022, 7:29 PM IST

लखनऊ:लखीमपुर हिंसा केस (Lakhimpur Kheri Case) में SIT ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. 5000 पन्नों की चार्जशीट में SIT ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया है. एसआईटी की चार्जशीट में बताया गया है कि हिंसा के वक्त आशीष मिश्रा घटनास्थल पर ही मौजूद था. एसआईटी ने चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम शामिल किए हैं लेकिन इस चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी का नाम गायब है.इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.



एसआईटी की 5000 पन्नों की रिपोर्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है. आशीष के साथ 14 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस चार्जशीट में अजय कुमार मिश्रा का नाम लेंस लगाकर ढूढने से भी नही मिलेगा.

इस चार्जशीट पर सवाल पीड़ित पक्ष के वकील ने उठाया है. यही नहीं दशकों से पुलिस सेवा में रहे अधिकारियों को ये चार्जशीट पच नही रही है. एसआईटी की जांच में पाया गया था कि साजिशन आशीष मिश्रा ने किसानों को गाड़ी से कुचला था, जिस महिंद्रा थार (UP31 AS 1000) गाड़ी से किसानों को कुचला गया था, उसका पंजीकरण केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के नाम से है, तो सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में अजय मिश्रा का नाम क्यों गायब है?

यूपी पुलिस में दो दशकों से सेवा दे चुके पूर्व आईपीएस एसएन चक्र के मुताबिक वह खुद इस बात से हैरान है कि SIT की चार्जशीट में अजय कुमार मिश्रा का नाम गायब है बल्कि तब जब SIT ने खुद अपनी जांच में पाया है कि जिस थार गाड़ी से किसानों को कुचला गया था वह अजय मिश्रा के नाम ही रजिस्टर है, क्योंकि यदि किसी के वाहन का कोई दुरुपयोग करता है और वाहन मालिक पुलिस को ये शिकायत दर्ज नही कराता है कि उसका वाहन बिना उसकी इजाजत के कोई प्रयोग कर रहा है तो उसकी जिम्मेदारी वाहन स्वामी की ही होती है. वाहन से हुए अपराध का उसका मालिक सह अभियुक्त होता है तो आखिरकार एसआईटी ने क्यों नही अजय कुमार मिश्रा को आरोपी बनाया.





क्रिमिनल वकील प्रिंस लेनिन के मुताबिक जब किसी वाहन से किसी की मौत होती है, चाहे दुर्घटना हो या फिर साजिशन हत्या हो, उसमें वाहन स्वामी मौके पर मौजूद न भी हो फिर भी वह 120b का आरोपी होगा ही, लेकिन एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में ऐसा नही किया है. वह भी तब जब अजय मिश्रा खुद घटना से पहले किसानों के प्रति भड़काऊ भाषण दे चुके है. उनके मुताबिक उन्हें विश्वास है कोर्ट जरूर इसपर आपत्ति जताएगी.

ये भी पढ़ेंः LaKhimpur Kheri Case: मंत्री अजय टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी, 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल



गौरतलब है कि एफआईआर में लिखा है कि आशीष मिश्रा अपनी थार महिंद्रा गाड़ी में बांयी सीट पर बैठकर फायरिंग करता हुए भीड़ को रौंदकर आगे बढ़ा. तेज गति से आती जीप ने सड़क के दोनों तरफ खड़े किसानों को दरिंदगी पूर्वक रौंद दिया.

3 अक्टूबर को हुई थी हिंसा

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू ने अपनी जीप से किसानों को कुचल दिया था. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने आशीष के ड्राइवर समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी.


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Last Updated : Jan 3, 2022, 7:29 PM IST

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