लखनऊ:लखीमपुर हिंसा केस (Lakhimpur Kheri Case) में SIT ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. 5000 पन्नों की चार्जशीट में SIT ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया है. एसआईटी की चार्जशीट में बताया गया है कि हिंसा के वक्त आशीष मिश्रा घटनास्थल पर ही मौजूद था. एसआईटी ने चार्जशीट में 14 आरोपियों के नाम शामिल किए हैं लेकिन इस चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी का नाम गायब है.इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं.
एसआईटी की 5000 पन्नों की रिपोर्ट में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है. आशीष के साथ 14 अन्य को भी आरोपी बनाया गया है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इस चार्जशीट में अजय कुमार मिश्रा का नाम लेंस लगाकर ढूढने से भी नही मिलेगा.
इस चार्जशीट पर सवाल पीड़ित पक्ष के वकील ने उठाया है. यही नहीं दशकों से पुलिस सेवा में रहे अधिकारियों को ये चार्जशीट पच नही रही है. एसआईटी की जांच में पाया गया था कि साजिशन आशीष मिश्रा ने किसानों को गाड़ी से कुचला था, जिस महिंद्रा थार (UP31 AS 1000) गाड़ी से किसानों को कुचला गया था, उसका पंजीकरण केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी के नाम से है, तो सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में अजय मिश्रा का नाम क्यों गायब है?
यूपी पुलिस में दो दशकों से सेवा दे चुके पूर्व आईपीएस एसएन चक्र के मुताबिक वह खुद इस बात से हैरान है कि SIT की चार्जशीट में अजय कुमार मिश्रा का नाम गायब है बल्कि तब जब SIT ने खुद अपनी जांच में पाया है कि जिस थार गाड़ी से किसानों को कुचला गया था वह अजय मिश्रा के नाम ही रजिस्टर है, क्योंकि यदि किसी के वाहन का कोई दुरुपयोग करता है और वाहन मालिक पुलिस को ये शिकायत दर्ज नही कराता है कि उसका वाहन बिना उसकी इजाजत के कोई प्रयोग कर रहा है तो उसकी जिम्मेदारी वाहन स्वामी की ही होती है. वाहन से हुए अपराध का उसका मालिक सह अभियुक्त होता है तो आखिरकार एसआईटी ने क्यों नही अजय कुमार मिश्रा को आरोपी बनाया.