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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बोले- कोहरे में बसों को दुरुस्त कराकर ही रूट पर किया जाए संचालन

सर्दी में कोहरा पड़ने से अक्सर हादसे हो जाते हैं. इनसे बचने के लिए यूपी रोडवेज (winter up roadways safety measures) एहतियात बरत रहा है. इसी कड़ी में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह की ओर से भी सुरक्षा मानकों का पालन करने की हिदायत दी गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 10:47 PM IST

लखनऊ : सर्दियों के दौरान कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुरक्षित बस संचालन के संबंध में परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. कहा गया है कि सुरक्षित यात्रा के लिए पहले से ही तैयारी जरूरी है. इसके लिए अभियान चलाकर प्राथमिकता के आधार पर जरूरी उपकरण और कलपुर्जे दुरुस्त कर लिए जाएं, जिससे यात्रियों को कोई परेशानी न होने पाएं. इसी क्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी बसों को दुरुस्त कराने के बाद ही उनका संचालन करने के निर्देश दिए हैं.

बस चालकों को जागरूक करने पर जोर :उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन निगम की सभी बसों में रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगे हों, विद्युत वायरिंग की दशा ठीक हो, हेडलाइट, बैक लाइट, टेल लाइट, साइड, इंडिकेटर लाइट और हॉर्न सही दशा में हों. उन्होंने कहा कि बसों के शीशे बन्द करने और खोलने में यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े. बसों के संचालन से संबंधी सभी जरूरी उपकरण लगे होने चाहिए और कार्यरत भी होने चाहिए. उन्होंने निर्देश दिए कि ड्राइवरों को सुरक्षित संचालन के संबंध में जागरूक किया जाए. दुर्घटना बाहुल्य स्थानों, ब्लैक स्पाट और डायवर्जन के बारे में जरूरी जानकारी दी जाए.

कोहरे में बसों को हादसे से बचाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं.

रात में भी बस स्टेशन पर तैनात हों सुपरवाइजर :परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि ऐसे बस स्टेशन जहां पर पूरी रात बसों का आवागमन होता है, वहां पर रात में सुपरवाइजर की तैनाती की जाए. सुपरवाइजर कोहरे की स्थिति में बसों के संचालन, स्थगन और लेटलतीफी के बारे में जानकारी उपलब्ध कराए और फैसला भी लें. अगर कोहरा ज्यादा हो और बस रूट पर भेजे जाने में दिक्कत हो तो फिर यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखकर बस को रूट पर रवाना न किया जाए. बसों की जांच की जाए और कमियों को दूर कराने के बाद ही बसों को रूट पर भेजा जाए.

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