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मरीज से रिश्वत लेने के मामले में आरोपी चिकित्सक को हटाया, डिप्टी सीएम के निर्देश पर हुई कार्रवाई - डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

लखनऊ में सीएचसी में चिकित्सक ने मरीज से रिश्वत (Lucknow doctor bribery action) ली थी. इसका वीडियो भी सामने आया था. डिप्टी सीएम ने मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

मरीज
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2023, 9:03 PM IST

लखनऊ :प्रदेश में यदि कोई भी डॉक्टर लापरवाही या रिश्वत लेते हुए पकड़ा जा रहा है तो उसपर सख्त कार्रवाई हो रही है. हाल ही में सुलतानपुर स्थित बल्दीराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने मरीज से रिश्वत ली थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. शिकायत के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे. इसके बाद आरोपी चिकित्सक को हटा दिया गया है.

जांच में सही मिले आरोप :बल्दीराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मालती को भर्ती कराया गया था. मरीज ने बताया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए आठ हजार रुपये मांगे. ऑपरेशन से पहले चार हजार रुपये दिए. बाकी पैसे ऑपरेशन के बाद देने का वादा किया. ऑपरेशन के बाद बकाया धनराशि भी दे दी. आरोप है कि दवा के लिए 15 हजार रुपये भी लिए. मरीज का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लिया. उन्होंने सीएमओ को जांच के आदेश दिए. शुरुआती जांच में डॉ. राजेश प्रजापति पर आरोप सही मिले. अब इन्हें हटा दिया गया है. आरोपी डॉक्टर को कादीपुर के विजेथुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात किया गया है.

मरीज को नहीं मिली एम्बुलेंस :सीतापुर में दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल युवक को एम्बुलेंस नहीं मिली. आरोप है कि फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं मिली. डिप्टी सीएम ने सीतापुर सीएमओ को प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. तीन दिन के भीतर जांच रिपोर्ट भेजने के निर्देश भी दिए हैं. प्रतापगढ़ के बाघराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नवजात शिशु की मौत का मामला गरमा गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सीएमओ को मामले की जांच के आदेश दिए हैं. सीएमओ ने दो सदस्यों जांच कमेटी गठित की है. एसीएमओ डॉ. एएन राय और महिला चिकित्सक डॉ. पारूल सक्सेना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद प्रकरण में किसी भी चिकित्साधिकारी व कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. दो सप्ताह में जांच पूरी करनी है.

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