लखनऊ: बोर्ड परीक्षाओं के दौरान आसपास होने वाले शोर से परीक्षार्थियों को किसी तरह की समस्या न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस ने 15 फरवरी से 21 मार्च तक विशेष अभियान चलाया है. इस अभियान के तहत 40 घंटे में डायल 112 पर 835 शिकायतें मिली हैं. शिकायतों के मामले में लखनऊ सबसे आगे रहा है. 40 घंटे में राजधानी लखनऊ में 106 फेसबुक और टि्वटर पोस्ट ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ किए गए.
राजधानी में ध्वनि प्रदूषण को लेकर चलाया जा रहा है अभियान. डॉयल 112 के प्रभारी एडीजी असीम अरुण ने बताया कि अभियान के शुरू करने के बाद से ही लगातार शिकायतें मिल रही हैं, जिस पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है. अभी तक की कार्रवाई के तहत शिकायतें मिलने के बाद मौके पर पीआरबी को भेजा गया, जिन्होंने ध्वनि प्रदूषण करने वाले लोगों को समझाया. अगर कोई व्यक्ति पीआरवी के समझाने के बाद भी नहीं मानेगा तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
शोर-शराबा बंद न होने पर होगी कार्रवाई
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान एक अभियान के तहत विद्यालयों के आसपास शोर मचाने वालों पर लगाम लगाई जाएगी. इस अवधि के दौरान अगर शोर-शराबा हुआ और छात्रों की ओर से उसकी शिकायत मिली तो पहले पीआरबी मौके पर पहुंचकर शोर-शराबा करने से मना करेगी. पीआरबी के मना करने के बाद भी अगर शोर-शराबे को बंद नहीं किया गया तो फिर उस शख्स पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
परीक्षार्थी ले सकते हैं इस सुविधा का लाभ
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने बोर्ड परीक्षाओं के दौरान 15 फरवरी से 31 मार्च के बीच अभियान चलाकर शोर-शराबे पर लगाम लगाने के निर्देश जारी किए हैं. किसी परीक्षार्थी के घर के आसपास कोई तेज आवाज में स्पीकर बजा रहा है या ध्वनि प्रदूषण फैला रहा है तो ऐसे में परीक्षार्थी डायल 112 पर फोन करके इस अभियान के तहत मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. परीक्षार्थी द्वारा फोन करते ही शिकायत दर्ज हो जाएगी और उस शिकायत के आधार पर तत्काल प्रभाव से मौके पर पीआरबी भी पहुंचेगी, जो पहले तो ध्वनि प्रदूषण करने से मना करेगी. मना करने के बावजूद भी अगर संबंधित व्यक्ति नहीं मानते हैं, तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
पीआरबी में तैनात जवानों को दी गई है ट्रेनिंग
अभियान के लिए पीआरबी में तैनात जवानों को ट्रेनिंग दी गई है. इस अभियान में शामिल होने वाले पुलिस कर्मचारियों को भी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के निर्देशों के तहत ट्रेनिंग दी गई है. अभियान का उद्देश्य प्रदूषण रहित बेहतर जीवनशैली को बढ़ावा देना है.