लखनऊः राजधानी लखनऊ में अफसरों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते लेआउट प्लान के बावजूद तमाम पार्कों में अवैध निर्माण व अवैध अतिक्रमण साफ-साफ नजर आता है. प्राधिकरण द्वारा बनाए गए लेआउट में पार्क की व्यवस्था की गई. पार्क बनाए भी गए, लेकिन काफी संख्या में पार्कों पर कब्जे और अवैध अतिक्रमण साफ-साफ नजर आते हैं, लेकिन अधिकारियों की तरफ से इन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है.
अधिकारियों की कार्यशैली पर उठते हैं सवाल
तमाम अधिकारी और न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठते हैं. इन अधिकारियों के सुरक्षा गार्डों को रहने के लिए अस्थाई निर्माण भी इन पार्कों में कर लिया गया है, जिससे साफ-साफ लेआउट के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं और ग्रीन बेल्ट की हरियाली पर अवैध कब्जे के बाद बदनुमा दाग भी नजर आते हैं, जिससे लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ता है.
लखनऊ के पार्कों में अवैध निर्माण से उड़ रही लेआउट की धज्जियां
रसूखदार लोगों ने किया है अतिक्रमण
आसपास के रहने वाले रसूखदार लोगों ने इन पार्कों पर अतिक्रमण कर रखा है, लेकिन अधिकारियों और रसूखदार के बीच मिलीभगत की वजह से कब्जे नहीं हट पाते हैं. ऐसे में लोगों को बेहतर पर्यावरण भी नहीं मिल पा रहा. लोग शिकायत तो करते हैं तो अधिकारी कभी कभार अभियान चलते हैं, लेकिन बाद में फिर इन पर पहले जैसी ही स्थिति हो जाती है.
पार्कों में अतिक्रमण व कब्जे, नहीं होती कार्रवाई
ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ की कई कॉलोनियों में लेआउट प्लान अंतर्गत के पार्को की पड़ताल की तो स्थिति काफी भयावह नजर आई. तमाम पार्कों में अतिक्रमण से लेकर अस्थाई निर्माण नजर आए हैं. वहीं दूसरी तरफ नगर निगम प्रशासन के अधिकारी दावा करते हैं कि पार्क में कब्जे नहीं हैं और जहां भी शिकायतें मिलती हैं तो अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जाती है.
लखनऊ में पार्कों में अवैध कब्जे
इन कालोनियों के पार्कों में हैं अतिक्रमण व अवैध कब्जे
राजधानी लखनऊ की पॉश कॉलोनी कही जाने वाली गोमती नगर में कालोनियों के पार्कों में हुए अतिक्रमण और अवैध कब्जे साफ-साफ दिखते हैं. यहां रहने वाले रसूखदार लोगों ने अपने घरों के आस-पास के पार्क में काफी हिस्से में कब्जा कर रखा है. किसी ने अपने सुरक्षा जवानों के लिए अस्थाई निर्माण करके कमरे बना रखे हैं तो किसी ने स्थाई रूप से कब्जा किया हुआ है.
तमाम जगहों पर अन्य प्रकार से अतिक्रमण करके जमीन घेर ली गई है. जिससे हरियाली नष्ट हो रही है. गोमती नगर विश्वास खंड कॉलोनी, विवेकखंड की कॉलोनी, विरामखंड कॉलोनी, विराज खंड कॉलोनी, विराट खंड कॉलोनी, पत्रकारपुरम के आसपास के कई पार्कों में कब्जे नजर आते हैं. इसके अलावा लखनऊ की महानगर कॉलोनी के पार्क, विकास नगर कॉलोनी के पार्क, अलीगंज कॉलोनी के पार्क, आलमबाग, आशियाना सहित तमाम इलाकों की कॉलोनियों के पार्को में अवैध कब्जे नजर आते हैं.
शिकायतों पर गम्भीरता से कार्रवाई नहीं करते हैं अधिकारी
लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे कहते हैं कि कई कालोनियों के पार्कों में अवैध अतिक्रमण और कब्जे बने हुए हैं. हमने कई बार नगर निगम प्रशासन और एलडीए के स्तर पर शिकायत करके कुछ अतिक्रमण और अवैध कब्जे हटवाए भी हैं, लेकिन तमाम जगहों पर अभी भी यह शिकायत बनी हुई है. जनेश्वर मिश्र पार्क के गेट नंबर 7 के पास ग्रीन बेल्ट की जमीन पर ही एलडीए के अधिकारियों ने एक कमरा और ट्यूबवेल बनाने की व्यवस्था की है. हमने इसकी शिकायत की है तो फिलहाल काम रोक दिया गया है, लेकिन यह गंभीर बात है कि ग्रीन बेल्ट और पार्कों की हरियाली पर अतिक्रमण और अवैध कब्जे को लेकर शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होती.
लखनऊ जन कल्याण समिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि लखनऊ में लेआउट प्लान के नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. ग्रीन बेल्ट में अवैध कब्जे और अतिक्रमण नजर आते हैं. बड़े पैमाने पर जब अभियान चलाए जाते हैं तो अवैध निर्माण व अवैध कब्जे पर कार्रवाई होती है, लेकिन तमाम जगहों पर अभी भी अवैध निर्माण और पार्कों में साफ-साफ दिखते हैं. गोमती नगर विस्तार का जो थाना है, वह भी ग्रीन बेल्ट पर बना हुआ है. ऐसे में समझ सकते हैं कि राजधानी का क्या हाल होगा.
अधिकारी करते हैं लगातार कार्रवाई का दावा
वहीं लखनऊ नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह कहते हैं कि राजधानी में 1800 पार्क बनाए गए हैं और इन पार्कों को लगातार सुंदरीकरण और अन्य प्रकार से हरा-भरा करने के लिए काम चलता रहता है. तमाम पार्कों में अवैध निर्माण और कब्जे की शिकायत आती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. जहां भी शिकायतें आती हैं और आएंगी, वहां पर कार्रवाई जरूर होगी.