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लखनऊ: बिना नक्शा चौक में बन रही कामर्शियल बिल्डिंग सील

राजधानी में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सोमवार को चौक इलाके के तुलसीदास मार्ग पर एक अवैध बिल्डिंग को सील कर दिया. यह बिल्डिंग प्राधिकरण से बिना नक्शा पास कराए बनवाई जा रही थी. सील करने के बाद प्राधिकरण ने इसे स्थानीय पुलिस की अभिरक्षा में सौंप दिया है.

Lucknow news
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Published : Oct 6, 2020, 5:43 PM IST

लखनऊ: विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन के दस्ते ने सोमवार को चौक इलाके के तुलसीदास मार्ग पर अवैध बिल्डिंग को सील कर दिया. यह बिल्डिंग लखनऊ विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा स्वीकृत कराये व्यावसायिक इमारत बनाई जा रही थी. इससे पहले कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी निर्माण नहीं रोका गया. लगातार निर्माण कार्य होने की शिकायत पर एलडीए ने सीलिंग की कार्रवाई की.

बिल्डिंग को सील कर पुलिस अभिरक्षा में सौंपा

एलडीए की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि बिल्डिंग का निर्माण शमीम बानो और हूर बानो की ओर से कराया जा रहा था. अवैध निर्माण की शिकायत मिल रही थी. एलडीए ने निर्माणकर्ता को नोटिस देकर निर्माण कार्य रोकने की चेतावनी दी थी. इसके बावजूद काम नहीं रोका गया. इसके चलते सोमवार को एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को सील करने की कारवाई की है. बिल्डिंग की सीलिंग की कार्रवाई के दौरान बिल्डर के सहयोगियों ने विरोध करने का प्रयास किया, लेकिन दस्ते के साथ मौजूद पुलिस बल के चलते किसी की एक न चली. प्रवर्तन दस्ते ने अपनी कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग को सील कर दिया और सबंधित पुलिस थाने की अभिरक्षा में सौंप दिया.

प्राधिकरण के इंजीनियरों की मदद से होता है अवैध बिल्डिंगों का निर्माण

इससे पहले चौक सराफा मार्केट में अवैध तरीके से बन रही इमारत एलडीए के प्रवर्तन दस्ते ने सील की थी. स्थानीय नागरिकों की शिकायत पर भवन मालिक की दूसरी इमारत भी जांच के बाद सील कर दी गई थी, लेकिन एलडीए ने उन इंजीनियरों पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं की. इसी तरह बालागंज में दस मंजिला इमारत को अभी सील नहीं किया गया. इतना ही नहीं इसे बनवाने वाले एलडीए के उस इंजीनियर के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसकी शह पर अवैध निर्माण होने के आरोप लगे. हालांकि अब अधिशासी अभियंता का ट्रांसफर हो चुका है. वहीं अवर अभियंता का दूसरे जोन में तबादला किया जा चुका है. स्थानीय रविन्द्र कुमार समेत अन्य लोगों का आरोप है कि शिकायत के बाद सीलिंग की कारवाई कर दी जाती है, लेकिन कुछ समय बाद मिलीभगत करके फिर सील खोलकर निर्माण कार्य शुरू हो जाता है.

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