उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग छीन लेगा सैकड़ों कर्मचारियों का रोजगार, मैन पाॅवर खत्म करने का टेंडर तैयार - New Order of Transport Department

उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग अब मैन पाॅवर की कमी दूर होने का दावा कर रहा है. ऐसे में पहले से परिवहन विभाग में कार्यरत विभिन्न श्रेणी का कर्मचारियों को हटाने की तैयारी कर रहा है. इससे करीब 350 कर्मचारियों के सामने नौकरी जाने का संकट आ गया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 8:34 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ऐसा टेंडर तैयार किया है जो आने वाले माह में साढ़े तीन सौ कर्मचारियों का रोजगार छीन लेगा. यह सभी कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. पिछले पांच साल से ज्यादा समय से परिवहन विभाग में कार्यरत इन कर्मचारियों को अब परिवहन विभाग सेवा से बाहर कर देगा. विभाग की तरफ से लाइसेंस के काम को लेकर जो टेंडर तैयार किया गया है उसमें मैनपाॅवर की आवश्यकता को खारिज कर दिया गया है. अब विभाग अपने ही कर्मचारियों से ड्राइविंग लाइसेंस का पूरा काम कराएगा. ऐसे में कंसल्टेंट के जरिए काम में लगे साढ़े 300 कर्मचारी बाहर हो जाएंगे. सिर्फ परिवहन विभाग मुख्यालय पर लाइसेंस प्रिंटिंग का ही काम प्राइवेट हाथों में रह जाएगा.


यूपी परिवहन में होगा बड़ा बदलाव.



आने वाले दिनों में परिवहन विभाग आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस के जिम्मेदारी अपने ही स्टाफ को सौंपेगा. ड्राइविंग लाइसेंस का सारा काम अभी तक प्राइवेट हाथों में ही है. सिर्फ अप्रूवल परिवहन विभाग के अधिकारी देते हैं, लेकिन अब विभाग ने फैसला लिया है कि आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सारा काम बाबू ही करेंगे, जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. परिवहन विभाग ने जो टेंडर तैयार किया है उसमें मैन पाॅवर की जरूरत महसूस नहीं की है. ऐसे में वर्तमान में परिवहन विभाग में कार्यरत लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 75 परिवहन विभाग कार्यालयों में साढ़े तीन सौ प्राइवेट कर्मचारियों के रोजगार पर संकट खड़ा हो जाएगा. वर्तमान में स्मार्ट चिप कंपनी के पास आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित काम है.

यूपी परिवहन में होगा बड़ा बदलाव.








साल 2012 से कर रहे काम : वर्ष 2012 में पहली बार रोजमार्टा और एमटेक कंपनी को आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित काम करने का ठेका मिला था. इसके बाद 2019 में स्मार्ट चिप कंपनी का टेंडर हुआ. वर्तमान में स्मार्ट चिप कंपनी के तहत ही कर्मचारी काम कर रहे हैं. तमाम कर्मचारी ऐसे भी हैं जो रोजमार्टा और एमटेक कंपनी से परिवहन विभाग में नौकरी ज्वाइन किए थे. कोई कर्मचारी चार से पांच साल पुराना हो चुका है तो कोई एक दशक से विभाग में काम कर रहा है, लेकिन अब इन सभी की जरूरत ही विभाग महसूस नहीं कर रहा है. लिहाजा, उनके सामने आने वाले दिनों में रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.




यह भी पढ़ें : खुशखबरीः एसी बसों का सफर हुआ सस्ता, दस फीसदी तक किराए में मिलेगी राहत

सड़क सुरक्षा पखवाड़ा : तीन बार चालान कराने वाले वाहन मालिकों को गलती पड़ेगी भारी, जानिए क्या है तैयारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details