लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ऐसा टेंडर तैयार किया है जो आने वाले माह में साढ़े तीन सौ कर्मचारियों का रोजगार छीन लेगा. यह सभी कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे. पिछले पांच साल से ज्यादा समय से परिवहन विभाग में कार्यरत इन कर्मचारियों को अब परिवहन विभाग सेवा से बाहर कर देगा. विभाग की तरफ से लाइसेंस के काम को लेकर जो टेंडर तैयार किया गया है उसमें मैनपाॅवर की आवश्यकता को खारिज कर दिया गया है. अब विभाग अपने ही कर्मचारियों से ड्राइविंग लाइसेंस का पूरा काम कराएगा. ऐसे में कंसल्टेंट के जरिए काम में लगे साढ़े 300 कर्मचारी बाहर हो जाएंगे. सिर्फ परिवहन विभाग मुख्यालय पर लाइसेंस प्रिंटिंग का ही काम प्राइवेट हाथों में रह जाएगा.
आने वाले दिनों में परिवहन विभाग आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस के जिम्मेदारी अपने ही स्टाफ को सौंपेगा. ड्राइविंग लाइसेंस का सारा काम अभी तक प्राइवेट हाथों में ही है. सिर्फ अप्रूवल परिवहन विभाग के अधिकारी देते हैं, लेकिन अब विभाग ने फैसला लिया है कि आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सारा काम बाबू ही करेंगे, जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी. परिवहन विभाग ने जो टेंडर तैयार किया है उसमें मैन पाॅवर की जरूरत महसूस नहीं की है. ऐसे में वर्तमान में परिवहन विभाग में कार्यरत लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 75 परिवहन विभाग कार्यालयों में साढ़े तीन सौ प्राइवेट कर्मचारियों के रोजगार पर संकट खड़ा हो जाएगा. वर्तमान में स्मार्ट चिप कंपनी के पास आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित काम है.